रेवाड़ी। महिला सशक्तिकरण और कृषकों की आमदनी को दुगना करने के उद्देश्य से‘ सफल मधुमक्खी पालन करने’ संबंधी कार्यशाला का रेवाड़ी में आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में 100 ग्रामीण महिलाओं को सफल मधुमक्खी पालन के गुर सिखाए। चार दिन की इस कार्यशाला का आयोजन 22 से 25 फरवरी तक कृषि विग्यान केंद्र बावल में किया गया।
यह कार्यक्रम बी- पाजटिव -मधुशक्ति नामक एक परियोजना पी एच डी आर डी एफ के सहयोग से किया गया। बी पाजिटिव संगठन की स्थापना स्व. कनुप्रिया सहगल ने की थी और यह महाराष्ट्र और हरियाणा में काम कर रहा है। पी पाजटिव के सलाहकार दिल्ली के मुख्य सचिव उमेश सहगल ने इस अवसर पर कहा कि स्व. कनुप्रिया का सपना था कि संस्था से प्रशिक्षित की गई प्रत्येक महिला पांच और महिलाओं को प्रशिक्षण दे जिससे गरीब समुदाय को सतत आजीविका मिले और और राष्ट्र के निर्माण में मदद मिले।
चार दिन के आयोजन के दौरान महिलाओं को सफल मधुमक्खी पालन और इसके लाभ की जानकारी दी गई । इसके अलावा मधुमक्खी की विभिन्न प्रजातियों के बारे में भी महिलाओं को अवगत कराया गया। प्रशिक्षण पूरा कर कार्यशाला में भाग लेने वाली 103 महिलाओं को प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए।
गौरतलब है कि श्रीलंका में गाले से कोलम्बो जाते समय प्रसिद्ध साहित्यकार गंगा प्रसाद विमल, उनकी पुत्री कनुप्रिया और धेवते श्रेयस का भी निधन हो गया। उनके पति योगेश सहगल इस हादसे में घायल हो गए थे। बताया जा रहा है कि जिस वैन में बैठकर वे यात्रा कर रहे थे उसके ड्राइवर को नींद आ गयी जिसकी वजह से वैन एक कंटेनर से टकरा गयी। कनुप्रिया टीवी का एक जाना माना नाम थीं।