नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों से ऋण लेकर जानबूझकर नहीं चुकाने वालों के विरुद्ध कार्रवाई किये जाने के संकेत देते हुये बुधवार को कहा कि आम लोगों का धन वापस लाया जायेगा। सीतारमण ने भारतीय बैंक संघ और बोस्टन कंस्लटिंग ग्रुप द्वारा सरकारी बैंकों के कामकाज में सुधार पर ‘ईज 3.0’ रिपोर्ट को जारी करते हुये कहा कि बैंकों को व्यावसायिक निर्णय में हस्तक्षेप नहीं करने की बात कई बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी कर चुके हैं और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के व्यावसायिक निर्णयों में कोई हस्तक्षेप नहीं किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जो लोग ऋण लेकर नहीं चुका रहे हैं उनके विरुद्ध बैंकों को कार्रवाई करनी चाहिये। इस संबंध में वित्तीय मामलों के विभाग और रिजर्व बैंक ने भी निर्देश जारी किये हैं और उसकी के आधार पर बैंकों को इस दिशा में कार्रवाई करनी चाहिये। बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक के बाद वित्त मंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि बैंक के जिन कर्मचारियों के विरुद्ध ऋण देने में धोखाधड़ी की शिकायत है
उन मामलों की जाँच बैंक में महाप्रबंधक स्तर पर समिति बनाकर तथा आतंरिक सतर्कता समिति से जाँच के आधार पर केन्द्रीय जाँच ब्यूरो को भेजने के संबंध में हुयी प्रगति की समीक्षा की गयी है। सीबीआई सीधे किसी भी बैंक कर्मी पर कार्रवाई नहीं करेगा। बैंक द्वारा शिकायत किये जाने और रिजर्व बैंक से निर्देश मिलने पर ही सीबीआई कार्रवाई करेगा। उन्होंने कहा कि आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अजय भूषण पांडेय ने विवाद से विश्वास योजना के बारे में बैंक के अधिकारियों को जानकारी दी और बैंकों से यह योजना को प्रचारित प्रसारित करने की अपील की गयी है। इसके लिए बैंकों से हर शाखा में एक पोस्टर लगाने के लिए कहा गया है।