चेन्नई। मद्रास उच्च न्यायालय ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम और उनकी पत्नी श्रीनिधि के खिलाफ दायर आयकर चोरी मामले की सुनवाई 27 फरवरी तक के लिए मंगलवार को स्थगित कर दी। इस मामले की सुनवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित होने के कारण कार्ति और श्रीनिधि के खिलाफ आरोप तय करने पर न्यायालय की ओर से लगायी गयी अंतरिम रोक भी 27 फरवरी तक बढ़ जाएगी। जब दोनों की ओर से दायर याचिका सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति एम सुंदर के समक्ष आयी तो उन्होंने इसे 27 फरवरी के लिए स्थगित कर दी। उन्होंने ही दोनों के विरूद्ध आरोप तय करने पर 21 जनवरी को अंतरिम रोक लगा दी थी और बाद में इसे आज तक के लिए बढ़ा दिया था। दोनों ने ही अपनी याचिका में निर्वाचित विधायकों एवं सांसदों के खिलाफ मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने का निर्देश जारी करने की गुहार लगायी थी।
इससे पहले विशेष अदालत ने 21 जनवरी को दोनों के खिलाफ आरोप तय करने के आदेश दिये थे। विशेष अदालत के न्यायाधीश डी लिंगेश्वरन ने सात जनवरी को अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य के हवाले से आरोपी के अपराध में शामिल होने के पर्याप्त आधार को देखते हुए कार्ति और श्रीनिधि की निस्तारण याचिका खारिज कर दी थी। न्यायाधीश ने कार्ति और उनकी पत्नी की इस दलील को खारिज कर दिया कि हार्ड ड्राइव सबूत नहीं हो सकती। न्यायाधीश ने कहा कि यह स्पष्ट है कि विचाराधीन ड्राइव शतरंज ग्लोबल एडवाइजरी सर्विसेज से जब्त किए गए थे और जब्त हार्ड ड्राइव को ठीक से सील कर दिया गया था तथा उन्हें सुरक्षित रखा गया था। न्यायाधीश ने इसके बाद अभियोजन पक्ष को 21 जनवरी को आरोप तय करने का निर्देश देते हुए कहा था कि यदि दोनों आरोपी उस दिन नहीं पहुंचते हैं तो उनके विरुद्ध वारंट जारी किया जाये। इसके बाद कार्ति एवं उसकी पत्नी ने उच्च न्यायालय का दामन थामा था एवं विशेष अदालत के फैसले पर अंतरिम रोक का मांग की थी, जहां से उन्हें राहत मिली है।