मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने आज स्पष्ट किया है कि पार्टी प्रमुख शरद पवार को दो सदस्यीय भीमा कोरेगांव जांच आयोग के समक्ष पेश होने का कोई समन नहीं मिला है। राकांपा के प्रवक्ता महेश तापसे ने कहा, पार्टी अध्यक्ष को अभी तक कोई समन नहीं मिला है लेकिन जब भी समन मिलेगा उसका हम सम्मान करेंगे।’’ पिछले सप्ताह कोरेगांव-भीमा मामले में न्यायिक जांच आयोग को एक आवेदन मिला था जिसमें पवार द्वारा वर्ष 2018 में मीडिया में दिये गये बयान के संबंध में जांच आयोग के समक्ष उन्हें बुलाने की मांग की गयी थी। विवेक विचार मंच के सामाजिक समूह के सदस्य सागर शिंदे ने 21 फरवरी को एक वकील प्रदीप गावडे के माध्यम से पैनल के समक्ष आवेदन किया था और 18 फरवरी को पवार के एक प्रेस कान्फ्रेंस का उदाहरण देते हुए उन्हें आयोग के समक्ष बुलाने का आग्रह किया था। आवेदन में कहा गया है कि प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान श्री पवार ने आरोप लगाया था कि दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं मिलिंद एकबोटे और संभाजी भिडे ने पुणे शहर के बाहर कोरेगांव-भीमा और उसके आस पास के क्षेत्र में एक ‘‘अलग’’ माहौल, बनाया था।
उसी प्रेस कान्फ्रेंस में उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि पुणे शहर के पुलिस आयुकत की भूमिका संदिग्ध है और इसकी जांच होनी चाहिए। आवेदक शिंदे ने कहा कि ये बयान प्रासंगिक हैं, उन्होंने कहा कि पवार के पास प्रासंगिक और अतिरिक्त जानकारी है। उन्होंने पहले से दायर अपने हलफनामे में बहुत कुछ साझा कर चुके हैं लेकिन उनके पास यदि और जानकारी है तो वे जांच आयोग के समक्ष रख सकते हैं। इसलिए न्याय के लिए आवेदक ने जांच आयोग के समक्ष आवेदन कर श्री पवार को बुलाने का आग्रह किया है। श्री पवार से अतिरिक्त जानकारी मिल सकती है जिससे जांच आयोग को न्याय देने में आसानी हो सकती है।