लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि राजभवन आम जनता का है केवल राज्यपाल का नहीं, इसी को ध्यान में रखते हुए यहां के दरवाजे सबके लिये खोल दिये गये हैं। पटेल ने यह बात रविवार को यहां ‘प्रादेशिक फल, शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी के पुरस्कार वितरण समारोह में कही । इस अवसर पर उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों ने फूलों से जो आकृतियाँ बनायीं हैं और संदेश लिखे हैं उसे देखकर लगता है कि बच्चों में नवाचार और नये विचार स्फुटित हो रहे हैं, जो एक रचनात्मक दृष्टिकोण को दर्शाता है। हमें केवल बच्चों द्वारा बनायी गयी सुंदर आकृति ही नहीं बल्कि इसके पीछे उनकी शैक्षणिक, सामाजिक सद्भाव एवं सांस्कृतिक दृष्टि को भी देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि जेल बंदियों ने विभिन्न प्रकार की सब्जियों के प्रदर्श लगाकर अपनी सृजनात्मक क्षमता का परिचय दिया है।
उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा जैविक विधि से उत्पादित खाद्यान्न की मांग आज हर तरफ बढ़ती जा रही है। किसानों को अधिक से अधिक जीरो बजट खेती को अपना कर जैविक फसलों के उत्पादन पर विशेष ध्यान देना चाहिए। किस जिले में कौन सी फसल ज्यादा उत्पादित होती है, उसकी जानकारी जनता को भी होनी चाहिए। इसी को ध्यान में रखते हुए ‘एक जनपद एक उत्पाद’ की तर्ज पर हमने ‘एक जनपद एक फसल विशेष’ के उत्पादन पर कार्य करने को कहा है जिससे जनता जान सके कि किस जिले में किस फसल विशेष का उत्पादन ज्यादा होता है। समारोह को सम्बोधित करते हुए पटेल ने कहा कि राजभवन आम जनता का है केवल राज्यपाल का नहीं।
इसी को ध्यान में रखते हुए राजभवन के दरवाजे सबके लिये खोल दिये गये हैं, जिसमें सोमवार से शनिवार तक स्कूली बच्चे तथा परिवार सहित आने वालों के लिये मंगलवार एवं बृहस्पतिवार का दिन निर्धारित किया गया है। प्रदर्शनी में आये लोगों की उपस्थिति एवं उत्साह को देखते हुए राज्यपाल ने कहा कि औपचारिक समापन तो आज हो रहा है लेकिन प्रदर्शनी को कल तक आम जनता के लिये और बढ़ा दिया गया है। उन्होंने बताया कि 22 फरवरी से प्रारम्भ हुई इस प्रदर्शनी का 25,000 से अधिक लोगों ने अवलोकन किया है।