चंडीगढ़। सरकारी नौकरी भर्ती व पदोन्नति में आरक्षण को मौलिक अधिकार न मानने के विरोध में भीम आर्मी तथा भारत एकता मिशन द्वारा किया गया भारत बंद का आह्वान बेअसर रहा। पंजाब के दोआबा क्षेत्र में इसका कुछ असर रहा लेकिन पुलिस बलों ने इसे बेअसर कर दिया । बंद को देखते हुये सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गये । पंजाब में जालंधर तथा इसके आसपास बंद का कुछ असर दिखाई दिया तथा इस इलाके में कार्यकर्ताओं ने रास्ते अवरूद्ध किये लेकिन हरियाणा में इसका कोई खास असर नहीं पड़ा ।
भारत बंद के आह्वान को देखते हुए पुलिस बल को तैनात किया गया था। भीम आर्मी तथा भारत एकता मिशन के कार्यकर्ताओं ने शहर में रोष प्रदर्शन किया और लघु सचिवालय के बाहर बीडीपीओ को राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा। भीम आर्मी तथा भारत एकता मिशन ने सर्वोच्च न्यायालय की खंडपीठ द्वारा सरकारी भर्तियों व पदोन्नति में आरक्षण को मौलिक अधिकार न मानने के विरोध में 23 फरवरी को भारत बंद का आह्वान किया था। जींद में रविवार को भीम आर्मी तथा भारत एकता मिशन के आह्वान पर कार्यकर्ता भीम आर्मी के जिला प्रधान नरेश सोलंकी के नेतृत्व में नेहरू पार्क में एकत्रित हुए।
उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय की खंडपीठ ने गत आठ फरवरी को सरकारी नौकरी की भर्ती व पदोन्नति में आरक्षण के मौलिक अधिकार मानने से इंकार कर दिया था। जिसका सर्वसमाज विरोध करता है। उन्होंने कहा कि आरक्षण के अधिकार का प्रावधान संविधान के अनुछेद 16 (4ए) में दिया गया है और इसको मौलिक अधिकार में शामिल किया गया है। सर्वोच्च न्यायालय की खंडपीठ ने जो निर्णय दिया है वह असंवैधानिक है। भाजपा सरकार की मंशा शुरु से ही आरक्षण विरोधी रही है।
जो आरक्षण को खत्म करना चाहती है। उन्होंने कहा कि सर्वसमाज के विरोध को देखते हुए सरकार को फैसले के खिलाफ अध्यादेश लाना चाहिए, ताकि दबे कुचले समाज के हित सुरक्षित रह सकें। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो पूरे देश में अव्यवस्था का माहौल पनप जाएगा। भीम आर्मी के राष्ट्रीय पदाधिकारी मनजीत व कमल वालिया को गलत तरीके से पिछले छह माह से बंद किया हुआ है। उन्हें तुरंत प्रभाव से रिहा किया जाना चाहिए। जिसके बाद कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए लघु सचिवालय पहुंचे और मांगों से संबंधित राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन बीडीपीओ को सौंपा। इस मौके पर कपिलदेव, जगत सिंह, रवि समेत काफी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे।