अगरतला। वरिष्ठ वामपंथी नेता एवं सात बार लोकसभा के सांसद रहे बाजुबन रियान का लंबी बीमारी के बाद शुक्रवार की देर रात यहां सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में निधन हो गया। वह 80 वर्ष के थे। रियान के परिवार में पत्नी के अलावा दो पुत्र एवं एक पुत्री हैं। उनके निधन को लेकर राजनीतिक हलके में गहरा शोक व्यक्त किया गया है। उप मुख्यमंत्री जिष्णु देव वर्मा, शिक्षा मंत्री रतन लाल नाथ, पूर्व मुख्यमंत्री समीर रंजन वर्मन एवं मानिक सरकार ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।
सक्रिय खिलाड़ी एवं भरोत्तोलक रहे रियान ने छात्र जीवन में ही राजनीति में प्रवेश किया था। उन्होंने ग्रेजुएशन के बाद वर्ष 1967 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और मौजूदा गोमती जिले के बीरगंज क्षेत्र से पहली बार विधायक चुने गये। बाद में वह मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल हो गये और वर्ष 1972 में दूसरी बार विधायक बने। रियान वाम मोर्चा सरकार में वर्ष 1977 और 1993 में मंत्री भी रहे। उन्हें त्रिपुरा से सबसे लंबे समय तक लोकसभा सांसद रहने का सम्मान भी हासिल हुआ।
वह वर्ष 1980 में पहली बार सांसद चुने गये और फिर 1984, 1996, 1998, 1999, 2004 और 2009 में भी सांसद निर्वाचित हुए। रियान ने बीमारियों के कारण वर्ष 2013 में चुनावी राजनीति से सन्यास ले लिया लेकिन वह माकपा की राज्य कमेटी के आमंत्रित सदस्य बने रहे। उन्होंने माकपा की सेंट्रल कमेटी के एक सदस्य के रूप में भी काम किया और अनुसूचित जनजातियों और अन्य पारंपरिक वन वासियों अधिनियम, 2006 का मसौदा तैयार करने सहित आदिवासी विकास के मुद्दों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।