नरसिंहपुर। ज्योतिष एवं द्वारका-शारदापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए गठित ‘ट्रस्ट’ को लेकर केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए आज कहा कि इस ट्रस्ट के गठन में राम मंदिर की लड़ाई लड़ने वालों की अंदेखी की गयी है।
स्वामी स्वरूपानंद ने नरसिंहपुर जिले के झोतेश्वर स्थित मणिदीप आश्रम में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जो पांच सौ वर्षो से राम मंदिर के लिए लडाई लड रहे थे, जो कानूनी पक्ष एवं समाज के प्रतिनिधि हैं। ऐसे हिन्दु समाज की अंदेखी करके इस ‘ट्रस्ट’ का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि इस ट्रस्ट में देश के शंकराचार्यो एवं धर्माचायों को दूर कर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुडें लोगों को शामिल किया गया है।
उन्होंने ट्रस्ट के गठन पर साजिश किए जाने का आरोप लगाते हुए कहां कि गठित समिति के अध्यक्ष नित्य गोपाल पर आपराधिक प्रकरण चल रहे हैं, ढाचा गिराने में उनकी प्रमुख भूमिका थी। वहीं, जिन्होंने कार सेवकों पर गोली बरसाने का कार्य किया था, उनको पुरस्कृत कर ट्रस्ट में सम्मलित किया गया है। स्वामी स्वरूपानंद ने कहा कि मार्च के प्रथम सप्ताह में झोतेश्वर में विराट साधु संत सम्मेलन किया जा रहा है, जिसमें महत्वपूर्ण निर्णय संतो से विचार विमर्श करके लिया जाएगा।