नोएडा। उत्तर प्रदेश किसानों का गुस्सा सोमवार को नोएडा प्राधिकरण पर एक बार फिर फूटा और सैकड़ों किसानों ने अपनी मांगों को लेकर प्राधिकरण का घेराव किया। इस दौरान मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात के बावजूद किसान प्राधिकरण का गेट तोड़कर धरने पर बैठ गए। किसानों को इस धरने में विपक्षी पार्टियों का साथ मिल रहा है। किसान नेता सुखबीर पहलवान ने कहा कि उनका पुलिस से कोई वास्ता नहीं है, लेकिन प्राधिकरण के दबाव में वह बिल्कुल नहीं आएंगे। किसानों का कहना है कि भले ही पुलिस उन्हें जेल भेज दे, लेकिन वे मांगें पूरी नहीं होने तक प्रदर्शन जारी रखेंगे। इस बीच आम आदमी पार्टी ने किसानों के धरने का साथ दिया। प्राधिकरण में धरना दे रहे किसानों के बीच पहुंचे राज्यसभा संजय सिंह ने कहा कि प्राधिकरण ने पहले तो जबरदस्ती किसानों की जमीन ले ली और अब उनके साथ अत्याचार कर रही है।
उन्होंने कहा कि आगामी संसद सत्र में वह नोएडा के किसानों का मुद्दा उठाएंगे। नोएडा प्राधिकरण की तरफ कूच करते हुए यह किसान पिछले एक हफ्ते से भी ज्यादा समय से अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। कुछ दिनों पहले पुलिस ने इनमें से 11 किसानों को जेल भेज दिया था, लेकिन किसानों की एकजुटता को देखते हुए सभी 11 गिरफ्तार किसानों को जेल से रिहा किया गया जिसके बाद आज एक बार फिर भारी संख्या में किसान प्राधिकरण का घेराव करने पहुंच गए। किसानों का कहना है कि आबादी की जमीन जो प्राधिकरण मनमाने तौर पर कब्जा कर रही है उसे छोड़ा जाना चाहिए, वहीं किसानों को 10 फीसदी का प्लॉट और 64 फीसदी का मुआवजा भी जल्द से जल्द मिलना चाहिए। इसके साथ ही किसानों ने प्राधिकरण द्वारा गांव के लिए नई नक्शा नियमावली लाने के कदम को गलत बताते हुए उसका विरोध किया। किसानों के इस प्रदर्शन में समाजवादी पार्टी के कई कार्यकर्ता और नेता भी शामिल रहे।