तिरुवनंतपुरम। मार्कसवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की सेंट्रल कमेटी ने रविवार को केंद्र से जम्मू-कश्मीर में प्रतिबंध हटाने और हिरासत में लिए गए सभी राजनीतिक कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग की। सेंट्रल कमेटी ने बयान जारी कर कहा इंटरनेट और संचार पर लगे प्रतिबंध हटाए जाने चाहिए और संविधान द्वारा प्रदत्त लोकतांत्रिक अधिकारों और नागरिक स्वतंत्रता को बहाल किया जाना चाहिए।’’ बयान में कहा गया, तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता और अन्य लोगों को हिरासत में लिए हुए अब चार महीने से भी अधिक का समय बीत चुका है। इनमें से कई लोगों को तो नागरिक सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है। सेंट्रल कमेटी इन लोगों की तुरंत रिहाई की मांग करती है।
बयान में कहा गया, संचार और सार्वजनिक परिवहन पर प्रतिबंध कुछ प्रतिबंधों को कम करने की घोषणा के बावजूद जारी है। इससे यहां के लोगों और अर्थव्यवस्था पर काफी प्रभाव पड़ा है। सेंट्रल कमेटी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री घरेलू एवं विदेशी पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने में लगे हुए हैं। सेंट्रल कमेटी ने मोदी सरकार की ओर से कोरपोरेट करों में की गई भारी कटौती की आलोचना करते हुए कहा,‘‘अगर 2.15 लाख करोड़ के पैकेज का सार्वजनिक निवेश के लिए उपयोग किया जाता है तो हमारे बहुत जरूरी बुनियादी ढांचे का निर्माण होगा और लाखों नए रोजगार सृजित होंगे, जिससे हमारे बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिलेगा।’’