अयोध्या। उच्चतम न्यायालय में विवादित जन्मभूमि का फैसला राममंदिर के पक्ष में आने से प्रफुल्लित अयोध्या के लोगों ने शनिवार को दिवाली मनायी। सुरक्षा के चाकचौबंद इंतजामो के कारण लोगबाग घरों से बाहर कम ही निकले लेकिन घर की मुंडेर और छतों से आस पड़ोस के लोगों को शुभकामनायें दी। यहां के बांिशदो के खुशी से दमकते चेहरे इस बात की तस्कीद कर रहे थे कि सदियों पुराने इस मामले में आशानुकूल फैसला आने से वे कितना उत्साहित है। शाम ढलते ही अयोध्या के गली कूचों में घरों की मुंडेरों पर मिट्टी के दिये प्रज्जवलित हो उठे।
हनुमान गढ़ी के पास निवास कर रहे रमाकांत चौरसिया ने कहा कि भगवान राम के 14 वर्षो से वनवास से आने के बाद अयोध्यावासियों ने खुशी में घी के दीपक जलाये थे और आज जब सैकड़ों साल बाद मर्यादा पुरूषोत्तम की जन्मभूमि वापस मिली थी तो उनका खुशी मनाना लाजिमी है। उधर सरयू तट पर सांध्य आरती यूं तो हर रोज की तरह सजी थी लेकिन श्रद्धालुओं की तादाद आम दिनो की तुलना में खासी ज्यादा थी। श्रद्धालुओं ने नदी में दीपदान किया जिससे सरयू टिमटिमाते तारों से सजे आसमान की तरह दिखने लगी। इस दौरान छोटे छोटे बच्चे आरती के दियों को बेच रहे थे और अपनी रोजी रोटी का इंतजाम कर रहे थे।