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कश्मीर 84 वें दिन भी बंद, रेल सेवाएं और संस्थान प्रभावित

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Oct 27 2019 3:50PM | Updated Date: Oct 27 2019 3:52PM
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श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर से पांच अगस्त को सविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए हटाए जाने के 84 दिन बाद भी हालात पूरी तरह से सामान्य नहीं हो सके है तथा जनजीवन अभी भी प्रभावित है। आधिकारिक सूत्रों  के अनुसार अतिरिक्त केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती घाटी में शान्ति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जारी रहेगी। सुरक्षा बलों पर  शनिवार को ग्रेनेड हमले के बाद उन्हें अधिक सतर्कता बरतने के लिए निर्देश दिए गए है। इस हमले में छह जवान घायल हो गए थे। घाटी में पिछले 24 घंटों के दौरान हालात हालांकि शांतिपूर्ण रहे। अलगावादी नेता मीरवाइज़ मौलवी उमर फारूक के मजबूत गढ़ माने जाने वाले क्षेत्र जामिया मस्जिद के आस-पास के इलाकों में किसी भी तरह के प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। पांच अगस्त के बाद से लगे प्रतिबंधों के चलते जामिया मस्जिद में नमाज़ भी अदा नहीं की जा सकी है। 

घाटी में सुरक्षा के मद्देनज़र प्री-पेड सिम पर पांच अगस्त से ही प्रतिबंध लगा हुआ है। हालांकि पोस्ट-पेड मोबाईल फोन सर्विस शुरू कर दी गयी है। कश्मीर के बारामुला से जम्मू के बनिहाल तक  रेल सेवाओं पर प्रतिबंध की वजह से रेलवे विभाग को रोजाना तीन लाख रुपये का नुकसान हो रहा है। राज्य में लगे प्रतिबंधों से सबसे ज्यादा शिक्षण संस्थान प्रभावित हुए हैं। सरकार ने हालांकि काफी दिन पहले ही स्कूलों के खोलने की घोषणा कर दी थी लेकिन इसके बावजूद छात्र अभी भी स्कूलों से नदारद हैं। राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर और ऐतिहासिक लाल चौक के इलाकों में सोमवार सुबह के बाद से कुछ दुकानें और प्रतिष्ठान खुल रहे हैं लेकिन वे केवल सुबह सात से नौ बजे तक के लिए ही खुल रहे हैं। श्रीनगर के मुख्य इलाकों में कोई भी अप्रिय घटना नहीं घटी है और कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों की चप्पे-चप्पे पर तैनाती की गयी है।

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