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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल: किसानों के विकास के लिए मील का पत्थर है न्याय योजना

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 13 2021 8:58PM | Updated Date: Jun 13 2021 8:58PM
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रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा हैं कि राज्य में पिछले वर्ष शुरू की गई’राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ उनकी सरकार की कृषक हितैषी सोच को साफ-साफ दर्शाती है। बघेल ने आकाशवाणी से  प्रत्येक माह प्रसारित होने वाली ’लोकवाणी’ की 18वीं कड़ी में आज कहा कि इस योजना से छत्तीसगढ़ में किसानों की आय बढ़ेगी और वे आर्थिक रूप से सक्षम बनेंगे।यह योजना छत्तीसगढ़ के किसानों के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी।उन्होने कहा कि राज्य में 21 मई 20 को राजीव गांधी किसान न्याय योजना की शुरूआत की और साल भर के भीतर चार किस्तों में पूरी राशि 5628 करोड़ रूपए का भुगतान 18 लाख 45 हजार किसानों के खाते में कर दिया। 

उन्होने कहा कि जो लोग पहले चार किश्तों में राशि देने को लेकर आपत्ति कर रहे थे, उन लोगों ने कोरोना संकट को देखते हुए यह कहना शुरू कर दिया था कि खरीफ 2021 में धान बेचने वाले किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा। कोरोना के कारण देश और प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर निश्चित तौर पर बुरा असर पड़ा है। लेकिन हमने राजीव गांधी किसान न्याय योजना 2021 के लिए बाकायदा बजट में 5703 करोड़ का प्रावधान किया है।

बघेल ने कहा कि कृषकों के हित में राजीव गांधी किसान न्याय योजना का कुछ नए प्रावधानों के साथ विस्तार किया गया है। इसके तहत धान के साथ खरीफ की प्रमुख फसल मक्का, कोदो, कुटकी, सोयाबीन, अरहर, गन्ना फसल लेने वाले किसानों को 9 हजार रूपए प्रति एकड़ आदान सहायता राशि हर साल दी जाएगी। धान के बदले अन्य निर्धारित फसलें लेने वाले किसानों को 10 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से अनुदान सहायता राशि दी जाएगी।धान के बदले वृक्षारोपण करने वाले किसानों को 10 हजार रूपए प्रति एकड़ की सहायता राशि दी जाएगी, यह तीन वर्ष के लिए होगी। 

प्रदेश में कोरोना के नियंत्रण तथा रोकथाम के उपायों और सावधानियों की चर्चा करते हुए उन्होने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर, वायरस के नए वेरिएंट के साथ आई थी और तेजी से बढ़ने लगी थी। अप्रैल में संक्रमण दर 30 प्रतिशत तक पहुंच गई थी। एक माह के भीतर हमने संक्रमण दर को 27 प्रतिशत से गिराकर दो प्रतिशत तक लाने में सफलता प्राप्त की। हमने स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन, निजी अस्पताल संचालकों, अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मियों और जागरूक जनता की मदद से एक पारदर्शी व्यवस्था बनाई।रियल टाइम बेसिस पर वेबसाइट पर अस्पतालों में बिस्तरों की उपलब्धता प्रदर्शित की गई।अस्पतालों में दवा, इंजेक्शन, आॅक्सीजन सिलेण्डर आदि की उपलब्धता के लिए काफी सोच-समझकर इंतजाम किए गए। साधारण लक्षण वाले मरीजों को घर पहुंचाकर दवा दी गई।

 

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