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शिक्षा का प्रयोग समाज में व्याप्त कुरूतियों को दूर करने में हो :आनंदी बेन

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Mar 4 2021 5:37PM | Updated Date: Mar 4 2021 5:38PM
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प्रयागराज। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने आज कहा कि शिक्षा  का सकारात्मक उपयोग तभी सार्थक होगा जब उससे समाज में व्याप्त कुरूतियों को दूर किया जा सके। उत्तर प्रदेश राजर्षि टण्डन मुक्त  विश्वविद्यालय के 15 वें दीक्षान्त समारोह में गुरूवार को राज्यपाल ने 19  स्वर्ण पदक और बडी संख्या में परास्रातक, स्रातक, पीएचडी डिग्री प्राप्त  करने वाले छात्रों से कहा कि डिग्री हासिल करना महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि अपने ज्ञान से समाज में व्याप्त कुरूतियों को दूर कर इसका लाभ समाज को दिया  जाना चाहिए। उन्होने कहा कि समाज में अनेक प्रकार की कुरूतियां व्याप्त है जिसमें से एक ‘‘ दहेज प्रथा’’ है।
 
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा प्राप्त करने के बाद मन में यह भाव होना चाहिए  कि ‘‘दहेज प्रथा’’ अभिशाप है। इसके अभिशाप में एक नहीं दो परिवार बर्बाद होता  है। दहेज प्रथा का विरोध होना चाहिए। लखनऊ जेल में दहेज के मामले को लेकर 325 महिलाएं बंद है।  उनमें से उनमें 50-60 साल से अधिक उम्र वाली महिलाएं भी हैं1 उन्होने  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर 50-60 साल से अधिक उम्र वाली  महिलाओं को छोडने पर बातचीत की थी। पिछली 26 जनवरी को बडी उम्र की 30 महिलाओं को जेल  से रिहा कर दिया गया। उन्होने कहा कि आंगनबाड़ी की स्थिति दयनीय  है। यहां ज्यादातर बच्चे गरीब, झुग्गी झोपडी वाले होते हैं। एक तरफ जहां  अमीर लोगों के बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा की व्यवस्था है वहीं गरीबों के लिए नहीं।
 
हमें इस खाई को पाटने का प्रयास करना होगा। जितना ध्यान आंगनबाडी  पर दिया जाना चाहिए उतना नहीं दिया जा रहा है। राज्यपाल ने कहा कि  देश में 30-31सरकारी  विश्वविद्यालय है और करीब 40-50 निजी  और 50 हजार  डिग्री कालेज है। उन्होने कहा कि कोई एक कालेज इन आंगनवाडी को गोद ले ले तो इनका कायाकल्प हो जायेगा। लखनऊ में ऐसा प्रयास किया गया जहां 26 टेनक्निकल कालेजों ने पांच आंगनबाडी को गोद लिया है और आज वहां इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। उन्होने कहा कि जितना संतोष भगवान के दर्शन करने से होता है उससे अधिक इस प्रकार के पुनीत कार्य करने से मिलेगा।
 
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