लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री ने प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रतिभाग करने वाले प्रदेश के युवाओं की नि:शुल्क कोचिंग ‘अभ्युदय योजना’ का शुभारम्भ किए जाने की घोषणा की, जिसका शुभारम्भ बसंत पंचमी से होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रतिभाग करने वाले प्रदेश के युवाओं के लिए इस योजना के तहत नि:शुल्क कोचिंग दी जाएगी। प्रथम चरण में राज्य के सभी मण्डल मुख्यालयों पर यह कोचिंग संस्थान प्रारम्भ किये जाएंगे। इन संस्थानों में प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रतिभागी युवाओं के लिए फिजिकल और वर्चुअल, दोनों माध्यमों से मार्गदर्शन की व्यवस्था लागू की जाएगी।
उन्होंने कहा कि इन संस्थानों के लिए विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों एवं राजकीय विद्यालयों का इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रयोग में लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभ्युदय कोचिंग संस्थानों में नीट, आईआईटी जेईई, एनडीए, सीडीएस सहित यूपीएससी की सभी परीक्षाओं की तैयारी के लिए मार्गदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह संस्थान प्रतियोगी युवाओं को अपना भविष्य संवारने का मंच उपलब्ध कराएगा।
मुख्यमंत्री आज यहां अवध शिल्पग्राम परिसर में उत्तर प्रदेश राज्य के 71वें स्थापना दिवस पर ‘उत्तर प्रदेश दिवस’ समारोह के चतुर्थ संस्करण के उद्घाटन समारोह में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाली विभूतियों को इस अवसर पर सम्मानित किया। समारोह के दौरान अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये गये। उन्होंने ‘उत्तर प्रदेश दिवस’ समारोह के अवसर पर अवध शिल्पग्राम में आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान राजस्थान राज्य के कोटा तथा प्रदेश के जनपद प्रयागराज से प्रतियोगी विद्यार्थियों को सुरक्षित उनके घर पहुंचाने के अभियान के दौरान उनके द्वारा प्रदेश के युवाओं को राज्य में ही कोचिंग की सुविधा उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में विचार-विमर्श किया गया था। आज चतुर्थ उत्तर प्रदेश दिवस समारोह के अवसर पर इसे मूर्त रूप दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के अनेक प्रतिभाशाली लोगों ने अपने परिश्रम और पुरुषार्थ से देश-दुनिया में उत्तर प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। राज्य सरकार द्वारा कला, संस्कृति, खेल, विज्ञान सहित विभिन्न क्षेत्रों में प्रदेश का मान-सम्मान बढ़ाने वाली 03 से 05 विभूतियों को ‘यूपी गौरव सम्मान’ से प्रतिवर्ष सम्मानित किया जाएगा। विभूतियों को सम्मानित करने का यह कार्यक्रम इसी वर्ष प्रारम्भ किया जाएगा। इस सम्बन्ध में प्रदेश के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गयी है, जो सम्मानित किये जाने वाले प्रतिभाशाली नागरिकों का चयन करेगी। सम्मान प्राप्त करने वाली विभूति को 11 लाख रुपए की धनराशि, प्रतीक चिन्ह, मेडल एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा।