झांसी। समाजवादी पार्टी ने केंद्र और प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार पर तीखा हमला करते हुए उस पर किसानों और श्रमिकों को असहाय बनाने की साजिश करने का आरोप लगाया है। यहां जिलाधिकारी कार्यालय में शुक्रवार को सपा जिलाध्यक्ष महेश कश्यप की अगुवाई में पूर्व एमएलसी श्याम सुंदर सिंह, जिला महासचिव के के सिंह यादव, पूर्व एमएलसी तिलक चंद्र अहिरवार और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल सक्सेना आदि की उपस्थिति में संसद में पारित कृषि और श्रम विधेयकों को किसान और श्रमिक विरोधी बताते हुए जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में इन विधेयकों को वापस लेने और राज्य में लागू नहीं किये जाने की मांग की गयी।
ज्ञापन में कहा गया कि ऐसी नीतियों से भाजपा किसान और श्रमिक वर्ग का मनोबल तोड़कर उन्हें असहाय बनाने की साजिश में जुट गयी है। किसानों का फायदा और श्रमिकों को रोजगार देने के उसके वादे सफेद झूठ साबित हो गये हैं। ऐसा झूठ और प्रपंच करने वाली सरकार के खिलाफ जनता में जबरदस्त रोष है। इन विधेयकों को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।
केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार की नीतियों से किसानों और श्रमिकों के हितों को गहरा आघात पहुंचा है। ऐसी नीतियों से इन दोनों वर्गों की बदहाली और बढेगी जबकि कारपोरेट घरानों को फायदा होगा। इस तरह अन्नदाता को हर तरह से उत्पीड़ति जा रहा है और किसान के साथ कठिन समय में देश की अर्थव्यवस्था को संभालने वाला श्रमिक वर्ग भी इसका शिकार हो रहा है। यदि समय रहते इन विधेयकों को वापस नहीं लिया गया तो प्रदेश में खेती बरबाद हो जायेगी और श्रमिक मजदूर बनकर रह जायेंगे।
किसानों को लेकर भाजपा सरकार का रवैया अन्यायपूर्ण है वह किसानों का खेतों से मालिकाना हक छीनना चाहती है। इन विधेयकों के कारण न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने वाली मंडियां धीरे धीरे खत्म हो जायेंगी और किसानों के लिए फसल लाभप्रद होना तो दूर उन्हें उचित दाम भी नहीं मिलेगा। श्रम सुधार के नाम पर जिन विधेयकों का पारित किया गया है हकीकत में वह मालिकों के हाथ में श्रमिकों के शोषण का अस्त्र साबित होगा। इसके बाद कर्मचारियों के हितों की रक्षा करने वाली यूनियन बनने नहीं दी जायेंगी और मालिक जब तब कर्मचारियों को छटनी का भय दिखाकर उनसे बंधुआ मजदूर के रूप में काम लेने को आजाद होंगे। इस दौरान पार्टी के कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी मौजूद रहे।