शिमला। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा है कि रोहतांग दर्रे में निर्मित अटल सुरंग के शुरू होने से राज्य के जनजातीय जिले लाहौल-स्पीति जिले की अर्थिक मजबूती होगी वहीं विकासात्मक गतिविधियों और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। दत्तात्रेय ने राजभवन में राष्ट्रीय महत्व की इस सुरंग के निर्माण कार्य के सम्बंध में सीमा सड़क संगठन और सुरंग निर्माता कम्पनी स्ट्रैबग-एफकॉन्स संयुक्त उद्यम कम्पनी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत के दौरान यह बात कही।
उन्होंने कहा कि यह सुरंग इस खूबसूरत घाटी में हर प्रकार के मौसम में कनैक्टिविटी प्रदान होगी जिससे लाहौल-स्पीति जिले की अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होगी। रोहतांग दर्रा के नवम्बर से अप्रैल माह तक हिमाच्छादित होने के कारण साल में लगभग छह महीने तक बंद रहता है। अब सुरंग बनने से यहां से वाहनों और पर्यटकों का आवागमन सालभर सामान्य रहेगा।
इस दौरान कम्पनी के अधिकारियों ने राज्यपाल को सुरंग की खूबियों और इसके निर्माण में आईं विभिन्न बाधाओं के बारे में अवगत कराया। उन्होंने बताया कि कैसे शून्य तापमान का विभिन्न सामग्रियों और उपकरणों की कार्यप्रणाली पर प्रतिकूल असर होता है। सुरंग कार्य के पूरा होने पर संतोष व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने कहा कि लगभग 3,000 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर विश्व की सबसे लंबी यह सड़क सुरंग सैन्य और सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। सुरंग सशस्त्र बलों को लद्दाख तक पहुंचने में बेहतर कनैक्टिविटी प्रदान करेगी। इससे मनाली से लेह की दूरी लगभग 46 किलोमीटर कम हो जाएगी तथा लगभग चार घंटा समय की बचत होगी।