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कोरोना वैक्सीन के उत्पादन को लेकर गावी और सीरम इंस्टीट्यूट के बीच समझौता

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Aug 7 2020 5:29PM | Updated Date: Aug 7 2020 5:29PM
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नई दिल्ली। कोरोना वायरस कोविड-19 के 10 करोड़ डोज के उत्पादन तथा निम्न और मध्यम आयवर्ग वाले देशों में अगले साल इसकी डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए गावी और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ समझौता किया है। सीरम इंस्टीट्यूट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला ने गुरुवार को कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग को मजबूती देने के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ने गावी और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फांउडेशन के साथ हाथ मिलाया है।
 
इस समझौते के तहत 10 करोड़ वैक्सीन का उत्पादन करने के साथ-साथ वर्ष 2021 में निम्न एवं मध्यम आयवर्ग वाले देशों में इसकी डिलीवरी की जायेगी। इस वायरस ने पूरी दुनिया को अनिश्चितता के अंधेरे में लाकर खड़ा कर दिया है। टीकाकरण की पहुंच बढ़ाने और इस संक्रमण को रोकने के लिए यह जरूरी है किफायती उपचार तक दुनिया के सुदूरवर्ती और गरीब देशों की पहुंच हो। हम कोरोना महामारी से लाखों लोगों को बचाने के अपने प्रयास को जारी रखेंगे। अंतर्राष्ट्रीय वैक्सीन गठबंधन  गावी ने आज यह जानकारी दी कि कोरोना के प्रत्येक टीके की कीमत अधिकतम तीन डॉलर निर्धारित की गयी है और इसे 92 देशों में उपलब्ध कराया जायेगा।
 
ये वे देश हैं, जो गावी के कोवैक्स एडवांस मार्केट कमिटमेंट (एएमसी) में शामिल हैं। इस समझौते के तहत  सीरम इंस्टीट्यूट को निर्माण क्षमता बढ़ाने के लिए पूंजीगत मदद दी जायेगी ताकि जब किसी कोरोना वैक्सीन को नियामकों की मंजूरी मिल जाये और वह विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों पर खरी उतरे, तब वह तेजी से वैक्सीन का उत्पादन कर पाये। गावी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सेथ बर्कले ने कहा,‘‘ हमने कई बार देखा है कि हाशिये पर रहने वाले देश अक्सर वैक्सीन पाने वाले , नयी जांच सुविधा पाने वाले और उपचार की नयी पद्धति पाने वाले देशों की कतार में पीछे रह जाते हैं।
 
हम कोविड-19 के वैक्सीन के साथ ऐसा नहीं चाहते। अगर सिर्फ अमीर देशों की सुरक्षा होगी तो अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, वाणिज्य और समाज को इससे गहरी चोट पहुंचगी क्योंकि यह महामारी पूरी दुनिया में तबाही मचा रही है। गावी के मुताबिक सीरम इंस्टीट्यूट को दी जाने वाली आर्थिक मदद उसे एस्ट्राजेनेका और नोवावैक्स के कोरोना वैक्सीन के निर्माण में सहायता देगी।
 
ये दोनों वैक्सीन अगर लाइसेंस प्राप्त कर लेती हैं और डब्ल्यूएचओ के मानकों पर खरे उतरती हैं, तो इनकी खरीद की जा सकती है। सीरम इंस्टीट्यूट ने बिल एंड मेंिलडा गेट्स फांउडेशन तथा कोलिजन फोर एपिडेमिक प्रीपेयर्डनेस इनोवेशंस (सेपी) के निवेश के आधार पर  वैक्सीन के प्रत्येक डोज की कीमत तीन डॉलर निर्धारित की है। 
 
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