नई दिल्ली। कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने गुरुवार को वैज्ञानिकों से खाद्य पदार्थां के आयात पर निर्भरता कम करने तथा दलहन-तिलहन के क्षेत्र में भी उत्पादकता और बढ़ाने पर कार्य तेज करने को कहा। तोमर ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के 92वें स्थापना दिवस एवं पुरस्कार वितरण समारोह को वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से सम्बोधित करते हुए कहा कि पाम आयल का उत्पादन बढ़ाने के लिए अनुसंधान को तेज करने की आवश्यकता है।
उन्होंने तिलहन की नई किस्में ईजाद करने पर भी जोर देते हुए कहा कि दलहन उत्पादन में हम आत्मनिर्भरता के निकट पहुंचे हैं और विश्वास है कि तिलहन के मामले में भी हम ऐसी ही सफलता को दोहराएंगे जिससे खाद्य तेलों के आयात पर होने वाले खर्च में कमी ला सकेंगे। उन्होंने कहा कि दुनिया में प्रतिस्पर्धा करने के लिए देश में खेती की लागत कम करते हुए उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने की जरूरत है।
आईसीएआर के वैज्ञानिकों के प्रयासों से संसथान 90 साल से अधिक समय से देश को कृषि के क्षेत्र में आगे ले जाने में उल्लेखनीय योगदान दे रहा है। वो समय भी हम सबके ध्यान में है, जब कृषि का क्षेत्र बढ़ते हुए समय के साथ एक तरह से अविकसित था। उस समय आईसीएआर ने इस चुनौती को स्वीकार किया। वैज्ञानिकों ने नए-नए अनुसंधान किए, उन अनुसंधानों को किसानों के पास गांवों में पहुंचाने का सफलतम प्रयत्न किया। इसी का परिणाम है कि आज देश खाद्यान्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भर ही नहीं, अधिशेष राष्ट्र है।
तोमर ने कहा कि कोरोना वायरस के संकट से सारी दुनिया गुजर रही है, लॉकडाउन की स्थिति में भी असुविधाओं का सामना देश-दुनिया को करना पड़ा है, सारे साधन व टेक्नालाजी से लैस तमाम संस्थान है, जिनकी गतिविधियां बंद हो गई थी, लेकिन भारत में कृषि का क्षेत्र ऐसी अवस्था में भी संचालित रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार इस पर बल देते रहते हैं कि बुनियाद मजबूत होनी चाहिए, चाहे वे विषय ग्रामीण विकास से संबंधित हो या कृषि की प्रगति से संबंधित हो। कृषि के क्षेत्र में हम आगे बढ़ सकें, इस दिशा में सरकार की सोच विभिन्न कार्यक्रमों व बजट के दौरान पिछले पांच-छह वर्ष में प्रदर्शित हुई है।