चंडीगढ़। विधायक सुखपाल सिंह खेहरा व पूर्व सांसद धर्मवीर गांधी ने आज केंद्र व पंजाब सरकारों पर नौजवानों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि प्रतिबंधक कानून (यूएपीए) के नौजवानों के खिलाफ दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए आलोचना की। पूर्व विरोधी पक्ष नेता खेहरा और पूर्व सांसद गांधी ने ‘लोक कचहरी‘ की श्रंखला में कैथल जिले के शादीपुर गांव में किशोर लवप्रीत सिंह उर्फ राजकुमार (18) के परिजनों से मुलाकात की, जिसे दिल्ली पुलिस ने यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया था और फिर पंजाब की पटियाला पुलिस ने भी उस पर मामला दर्ज किया।
परिजनों से बातचीत के बाद खेहरा और गांधी ने एक गरीब और लाचार किशोर को यूएपीए के तहत ‘फंसाने‘ को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार व पंजाब की कैप्टन अमंिरदर सिंह सरकार की निंदा की। खेहरा ने कहा कि ग्रामीणों के अनुसार लवप्रीत जो मुश्किल से 18 साल का है, नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ शाहीन बाग में लंगर की सेवा के लिए दिल्ली गया था। खेहरा ने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस ने लवप्रीत को एक पिस्तौल और कुछ कारतूस रखने के आरोप में गिरफ्तार किया और फिर उस पर यूएपीए लगा दिया।
खेहरा ने कहा कि इसी लवप्रीत को बाद में पंजाब के चार और युवकों, जिनमें से अधिकांश दिलत हैं,पर पटियाला जिले की समाना पुलिस ने 28 जून को यूएपीए लगा दिया। खेहरा ने आरोप लगाया कि पंजाब पुलिस दलित-गरीब-बेसहारा युवकों पर एक से ज्यादा मामले दर्ज कर रही है ताकि वह कभी अपना बचाव न कर सकें या फिर जेल से बाहर न आ सकें। उन्होंने बताया कि उक्त पांच युवकों में से एक सुखचैन सिंह के पटियाला जिले में सेहरा गांव स्थिति घर घर भी वह गये थे और गांव के बुजुर्गों और सरपंच ने साफ-साफ कहा कि लड़के को पटियाला पुलिस ने उनकी उपस्थिति में गांव से 26 जून को हिरासत में लिया था लेकिन बाद में उसे गजेवास गांव में एक ‘नाके‘ से गिरफ्तार किया बताया गया।
उन्होंने कहा कि इसी तरह पिछले दिनों उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र भोलथ में एक 65 वर्षीय बुजुर्ग जोगिंदर सिंह के मामले का खुलासा किया था जिनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड न होते हुए उन पर यूएपीए लगा दिया गया था। गांधी ने आरोप लगाया कि पंजाब सरकार व पुलिस खालिस्तान व 2020 जनमत संग्रह के बहाने गिरफ्तारियां कर हिंदुओं में डर पैदा करना चाहती है और हिंदुओं व सिखों के बीच सांप्रदायिक सद्भावना के माहौल को बिगाड़ना चाहती हैं।
दोनों नेताओं ने कहा कि कांग्रेस एक तरफ नरेंद्र मोदी सरकार पर यूएपीए के दुरुपयोग के आरोप लगा रही है, दूसरी तरफ खुद पंजाब की कांग्रेस सरकार पंजाब में यूएपीए का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब में यूएपीए के खिलाफ 16 मामले दर्ज किये गये हैं, जो गलत हैं और अधिकांशत: गरीबों या दिहाड़ीदार नौजवानों के खिलाफ हैं। उन्होंने कैप्टन अमरिंदर सिंह से यूएपीए के तहत दाखिल प्राथमिकयों के खिलाफ जांच आयोग बिठाने की मांग की।