शाजापुर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज टवीट् में बताया कि शाजापुर के एक अस्पताल में वरिष्ठ नागरिक के साथ क्रूरतम व्यवहार का मामला संज्ञान में है दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा, सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी। शाजापुर जिले में के एक निजी अस्पताल में बुजुर्ग मरीज को ईलाज का बिल जमा नहीं करने पर पलंग से बांध दिया गया है। बुजुर्ग की बेटी का आरोप है कि अस्पताल ने दो बार इलाज करवाने के लिए रुपए जमा करवाए, जब हमने कहा कि अब रुपए नहीं हैं और हमें घर जाने दो। इस पर अस्पताल कर्मियों ने बकाया राशि वसूलने के बदले पिता को पलंग से बांध दिया।
वहीं, अस्पताल के मैनेजर ने बिल के कारण पलंग से बांधने की बात को गलत बताया है। पांच दिन पहले पेट में तकलीफ के कारण रानायर गांव के रहने वाले बुजुर्ग को परिजन शाजापुर जिला अस्पताल लाए थे, जहां बुजुर्ग की हालात ठीक नहीं होने के कारण डॉक्टरों ने रेफर इंदौर या उज्जैन ले जाने के लिए कहा, लेकिन रुपए नहीं होने के कारण बेटी ने पिता को शाजापुर स्थित सिटी हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया। अस्पताल के डॉक्टरों ने पांच दिन तक मरीज का इलाज किया, इस दौरान दो बार बुजुर्ग की बेटी ने इलाज के खर्च के रूप में 6 हजार और 5 हजार की राशि जमा कराई थी।
शुक्रवार को जब बुजुर्ग की बेटी पैसा नहीं होने का हवाला देकर पिता को घर ले जाने को तैयार हो गई। इस पर अस्पताल प्रबंधन ने इलाज के खर्च की बकाया रकम का भुगतान करने को कहा गया, लेकिन बुजुर्ग की बेटी ने कहा कि अब हमारे पास बिल चुकाने के लिए पैसे नहीं हैं। इस पर अस्पताल कर्मियों ने उसके बीमार बुजुर्ग पिता को पकड़कर रस्सियों से पलंग पर बांध दिया। शुक्रवार देर रात मामला सामने आने पर स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और बुजुर्ग को अस्पताल से मुक्त करवाया।
मरीज की बेटी ने यह भी बताया कि जिस दिन पिता जी को अस्पताल में भर्ती किया, उसके पहले ही छह हजार रुपए जमा किए। दो दिन पहले पांच हजार रुपए और जमा किए थे। अस्पताल में हमने कहा कि उसने कहा कि अब हमारे पास रुपए नहीं हैं। आप पिता जी को लगाई पेशाब नली निकाल दो हमें घर जाना है। इसके बाद हम फाइल लेने गए तो उन्होंने कहा कि 11270 रुपए और जमा करो, इसके बाद इन्हें घर लेकर चले जाना। उन्होंने हमें फाइल भी नहीं दी।
इस पर जब हम अस्पताल से जाने लगे तो वे पिता जी को पकड़कर ले गए और पलंग से बांध दिया। उन्होंने बीमार पिता को तीन-चार दिन से ठीक से पानी भी नहीं दिया है। रुपए नहीं जमा करने के कारण बुजुर्ग पिता को बांध रखा है। परिजनों की माने तो दो दिन से खाना भी नहीं दिया गया था। अस्पताल के मैनेजर नीतीश शर्मा का कहना है कि बुजुर्ग को दिमागी बुखार है।
उन्हें झटके भी आ रहे थे। उसके छटपटाने से बोतल लगाने के बाद सुई के टूटने का खतरा रहता है। इसलिए रस्सी से बांधा गया था। ऐसे मरीजों को कंट्रोल करने के लिए ऐसा किया जाता है। बकाया बिल जमा करने को लेकर कोई बात ही नहीं हुई थी। शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि वरिष्ठ नागरिक के साथ क्रूरतम व्यवहार करने वाले दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा, सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी