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प्रत्येक व्यक्ति साल में कम से कम एक वृक्ष लगाए : शिवराज सिंह चौहान

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 5 2020 5:19PM | Updated Date: Jun 5 2020 5:20PM
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भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विश्व पर्यावरण दिवस पर आज नागरिकों को शुभकामनाएं देते हुए अपने संदेश में कहा है कि हम प्राकृतिक धरोहर  और जैव विविधता के संरक्षण के अपने दायित्व को पूरा करने का प्रयास करें। आधिकारिक जानकारी में श्री चौहान ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति साल में कम से कम एक वृक्ष जरूर लगाए। अधिक लगाए तो यह प्रकृति के साथ ही मानवता के पक्ष में किया गया कार्य होगा। जैव विविधता इस वर्ष के विश्व पर्यावरण दिवस का मुख्य विषय है। मध्यप्रदेश जैव विविधता की दृष्टि से एक अत्यंत समृद्ध प्रदेश है। यहां सतपुड़ा, विंध्याचल और मैकल पर्वत श्रृंखलाओं के साथ जीवन दायिनी नर्मदा का प्रवाह है।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके साथ ही क्षिप्रा ,चंबल, बेतवा और ताप्ती जैसी नदियां प्रदेश की जल सम्पदा को समृद्ध करती है, हमारी धरोहर हैं। वर्तमान समय में संपूर्ण मानवता एक कठिन दौर से गुजर रही है। इसको देखते हुए जैव विविधता को पर्यावरण दिवस का मुख्य विषय बनाना प्रासंगिक है। पर्यावरण की रक्षा और जैव विविधता के संरक्षण के लिए मध्य प्रदेश सरकार संकल्पबद्ध हैं।
 
चौहान ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किए गए अध्ययन और अनुभव बताते हैं  कि यदि हम जीव जगत की विविधता का सम्मान नहीं करेंगे तो परोक्ष रूप से हम पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व का मूल आधार ही समाप्त कर देंगे। उन्होंने कहा कि  कोरोना वायरस से जनित महामारी ने दुनिया के सामने एक बड़ी चुनौती उपस्थित कर दी है।
 
उन्होंने कहा कि एक तरफ  जहां यह चुनौती है, वहीं यह चुनौती एक अवसर भी है कि हम समकालीन पर्यावरणीय समस्याओं, जैव विविधता के संरक्षण से जुड़ी चुनौतियों, प्रदूषण के विभिन्न कारकों तथा  मनुष्यों और जीव जगत के द्वंद, जलवायु परिवर्तन और सतत विकास जैसे विषयों पर चिंतन करें। हमें इन सभी को गहराई से समझ कर समग्र समाधान की दिशा में आगे बढ़ना होगा।
 
उन्होंने कहा कि  वन्य जीवों, जलीय जीवन और कृषि क्षेत्र में भी विविधता की दृष्टि से प्रदेश एक संपन्न राज्य है। हम सभी को इसके संरक्षण का दायित्व निभाना है। भारतीय संस्कृति ने भी सदैव यही सिखाया है कि हम प्रकृति के साथ साहचर्य की भावना के साथ रहें। हमारी संस्कृति का मूल मंत्र है- जियो और जीने दो। हमारी संस्कृति सिखाती है कि हम प्रकृति के लिए बने हैं, उस पर विजय पाना कभी हमारा उद्देश्य नहीं रहा। चौहान ने विश्व पर्यावरण दिवस की समस्त नागरिकों को शुभकामनाएं दी हैं।
 

 

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