नागपुर। महाराष्ट्र के पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉक्टर अनीस अहमद ने गुरुवार को हज मंत्रालय को अपना रुख साफ करने के लिए केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को ज्ञापन भेजा। अनीस ने कहा कि कोविड -19 की वैश्विक महामारी को देखते हुए, भारत सरकार ने चरण -3 तक सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द कर दी हैं और लॉकडाउन को 2020 के अगस्त महीने तक वापस लेने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा की हज की यात्रा के लिए विमान सेवा जून से शुरू होनी की योजना थी और हज जुलाई 2020 के अंतिम सप्ताह में होनी थी। उन्होंने कहा की वैश्विक महामारी कोरोना के कारण भारत के लोगों का हज पर जाना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि हजयात्रियों ने अक्टूबर 2019 में ही हज कमेटी ऑफ इंडिया के माध्यम से अपने ऑन-लाइन आवेदन भरे थे। हज कमेटी ऑफ इंडिया द्वारा चुने गए सभी तीर्थयात्रियों ने हज कमेटी ऑफ इंडिया को तीर्थयात्रा के खर्च के रूप में दो लाख रुपये का भुगतान किया है।
अनीस ने आरोप लगाया कि लगभग 1.25 लाख तीर्थयात्रियों ने 2-2 लाख रुपये के हिसाब से लगभग 2,400 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं। महाराष्ट्र से हज के लिए 12,000 का कोटा है जिसके लिए कुल 39,000 लोगों ने आवेदन किया था। उन्होंने कहा की हज यात्री केंद्र सरकार के निर्णय का इन्तजार कर रहे हैं। उन्होंने नकवी से विनम्र अपील की कि वह इस साल की हज यात्रियों के संबंध में केंद्र सरकार के रुख को साफ करें और अगर सरकार इस साल तीर्थयात्रियों को नहीं भेजने का निर्णय लेती है, तो हज कमेटी ऑफ इंडिया के पास जमा लोगों का पैसा वापस करना चाहिए।