नई दिल्ली। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ से आतंकित होने के बजाय सावधानी बरतने की अपील करते हुए कहा है कि दिल्ली में 80 से 90 प्रतिशत मरीज होम क्वारन्टीन के दौरान ही स्वस्थ हो रहे हैं, इसलिए हर मरीज का अस्पताल में भर्ती होना जरूरी नहीं है।
सिसोदिया ने शुक्रवार को ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश में और दिल्ली में भी कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़े हैं लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। हमें खुद को बचाना जरूरी है। दिल्ली में कोरोना वायरस के संक्रमण से कल 13 मौत हुई हैं। साथ ही 69 पुराने मामले भी जोड़े गये हैं। इसके कारण कल की तारीख में 82 मौत की रिपोर्ट दिखेंगी लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। कल हुई 13 लोगों मौत के अलावा शेष 69 मामले पिछले 34 दिन के हैं। यह अलग-अलग दिनों में हुई मौत की देर से दी गयी सूचना है। इनमें 52 मामले सफदरगंज अस्पताल के शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि होम क्वारंन्टीन के दौरान घर में किसी अलग कमरे की व्यवस्था करना बेहतर है। अगर अलग कमरे की व्यवस्था न हो, तो अलग बेड की व्यवस्था कर सकते हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए सभी एहतियाती उपाय बरतना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सिर्फ किसी चीज को छू लेने से संक्रमण नहीं होगा। कोरोना संक्रमित व्यक्ति के ड्रॉपलेट्स का मुंह, नाक या आंख के माध्यम से शरीर में जाने से संक्रमण होगा। इसलिए किसी भी चीज को छूने के तत्काल बाद साबुन से अच्छी तरह से हाथ धो लेने से संक्रमण नहीं होगा।
सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में संक्रमित मरीजों के ठीक होने की संख्या तेजी से बढ़ रही है। सभी लोग मिलकर प्रयास करें और सावधानी बरतें तो कोरोना वायरस पर नियंत्रण पाया जा सकता है। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि दिल्ली में अब तक कोरोना संक्रमण के कुल 17386 मामले सामने आ चुके हैं। पिछले 24 घंटे में 1106 नये मामले आये हैं। अब तक 7846 लोग ठीक हो चुके हैं। इनमें 351 लोग कल स्वस्थ हुए। अब तक दिल्ली में 398 मौत हुई हैं।
जैन के अनुसार सफदरजंग तथा अन्य अस्पतालों की पुरानी रिपोर्ट आने के बाद यह ताजा आंकड़ा है। श्री जैन ने बताया कि अभी दिल्ली में कुल 2100 मरीज भर्ती हैं। फिलहाल 5000 से ज्यादा अतिरिक्त बेड मौजूद हैं। इसमें निजी अस्पतालों के 1400 तथा सरकारी अस्पतालों के 3700 बेड शामिल हैं। हम इस संख्या को और बढ़ा रहे हैं। मरीजों की संख्या से दोगुना ज्यादा बेड तैयार रखने की योजना है। अभी 28 मरीज वेंटिलेटर पर हैं, जबकि 300 खाली वेंटीलेटर मौजूद हैं।
जैन ने कहा कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाने और हैंडवाश की प्रैक्टिस पर जोर दिया जा रहा है। कोरोना वायरस के मरीज घर पर अलग कमरे में सावधानी के साथ रहकर दो सप्ताह में ठीक हो सकते हैं। ज्यादातर लोग घर पर ही ठीक हो रहे हैं।