चंडीगढ़। इंडियन नेशनल लोकदल नेता अभय चौटाला ने हरियाणा में लॉकडाउन-4.0 में दी गई ढील के बाद अचानक कोरोना वायरस पीड़ितो की संख्या बढ़ने पर चिंता जताते हुए आरोप लगाया कि सरकार में शीर्ष स्तर पर तालमेल नहीं है जिससे वह कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के लिए ठोस नीति नहीं बना पा रहे हैं। एलनाबाद से विधायक चौटाला ने यहां जारी बयान में कहा कि प्रदेश में एक ही दिन में कोरोना के 102 मरीजों का मिलना आने वाले समय के लिए शुभ संकेत नहीं है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का कोविड-19 के बारे में आपस में बातचीत करने की बजाय पत्राचार करना यह दर्शाता है कि मंत्रिमण्डल के वरिष्ठ सदस्यों में आपस में मेलजोल की कमी है। इनेलो नेता ने कहा कि गृहमंत्री की ये बात बिल्कुल सही है कि हरियाणा में मास्क लगाना अनिवार्य हो और कोरोना संक्रमण से बचने के लिए तुरंत ऐसे नियम बनाए जाएं जिससे प्रदेश के नागरिकों की जानमाल की सुरक्षा की जा सके। प्रदेश की लगभग ढाई करोड़ आबादी के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से टेस्टिंग प्रक्रिया में तेजी लाना अति आवश्यक है ताकि कोरोना वायरस पीड़ितों की वास्तविक संख्या का पता लगाया जा सके।
उन्होंने कहा कि अभी तक तो लगभग एक लाख नागरिकों की टेस्टिंग की गई है जो कि ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा लगता है कि स्वास्थ्य विभाग के पास पीपीई किटों, मास्कों व अन्य व्यवस्थाओं की उचित उपलब्धता नहीं है जिसकी वजह से कोरोना वारियर्स अपनी सुरक्षा के लिए जेब से खर्च करके मास्क आदि का प्रबंध करते हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनेक ऐसे उदाहरण हैं जिसमें कर्मचारियों ने बड़ा खुलकर मीडिया के सामने कहा है कि पीपीई किटों की कमी की वजह से और अन्य उपकरणों की उपलब्धता न होने के कारण वह अपनी जान पर खेल कर कोरोना पीड़तिों का इलाज कर रहे हैं।
चौटाला ने कहा कि पिछले दिनों भगत फूल सिंह गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज के नर्सिंग स्टाफ ने मैनेजमेंट के अधिकारियों के विरुद्ध आरोप लगाते हुए कहा कि उनको कोरोना से पीड़ति मरीजों का इलाज करते समय वांछित सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं करवाए जा रहे और न ही उनको मेडिकल कॉलेज में रहने की उचिव व्यवस्था की जा रही है जिससे उनको और उनके परिवार को कोरोना संक्रमित होने का भय रहता है। इनेलो नेता ने कहा कि सिरसा जिले में लॉकडाउन 4.0 के अंतिम दिनों में उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला एवं गृह मंत्री शहर में व्यापारिक संस्थानों व दुकानों आदि के खोलने पर एकमत नहीं हैं जिसकी वजह से व्यापारियों व प्रशासन के लिए असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। प्रशासन के अधिकारी असमंजस में हैं कि वह उप मुख्यमंत्री की मानें या गृह मंत्री के आदेशों की पालना करें।