श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर छात्र संघ (जेकेएसए) ने जानलेवा कोरोना वायरस के कहर को देखते हुए ईरान से कश्मीरी छात्रों को स्वदेश लाने की शुक्रवार को मांग की। जेकेएसए ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से इस मामले में तत्काल उचित कदम उठाने और ईरान में फंसे कश्मीरी छात्रों को सुरक्षित स्वदेश लाने के लिए विशेष इंतजाम करने का अनुरोध किया है। जेकेएसए के प्रवक्ता नासिर खुएहामी ने कहा कि बहुत तेजी से फैल रहे इस वायरस के कहर से कश्मीर घाटी में मौजूद उनके अभिभावक भी चिंतित हैं। उन्होंने विदेश मंत्रालय से विशेषकर तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज और ईश्फहान एवं शिराज यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज से सभी छात्रों की जल्द से जल्द सुरक्षित वापसी का इंतजाम सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि ये सभी विश्वविद्यालयों को बंद कर दिया गया है और छात्रों से जल्द से जल्द हॉस्टल छोड़ने को कहा गया है। कोरोना के कहर को देखते हुए भारतीय दूतावास ने ईरान से भारत की सभी उड़ानों को रद्द कर दिया है।
छात्रों को अब हॉस्टल में भोजन एवं पानी की कमी से जूझना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि कश्मीरी छात्र चिंतित हैं क्योंकि उन क्षेत्रों में वायरस फैल रहा है। उन्होंने कहा कि छात्रों को घर के अंदर रहने की सलाह दी गई है। उन्होंने कहा, हम कश्मीरी छात्रों की तत्काल एयरलिंफिग की मांग करते हैं क्योंकि ईरान में स्थिति कोरोनो वायरस के कारण बद से बदतर होती जा रही है। उन्होंने कहा, हमने प्रधान मंत्री से विशेष रूप से ईरान में भारतीय दूतावास के संबंधित अधिकारियों को निर्देश देने का अनुरोध किया कि वे पूरी तत्परता से ईरान में फंसे जम्मू-कश्मीर के छात्रों के जल्द से जल्द सुरक्षित निकासी शुरू करने के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करें।’’ गौरतलब है कि ईरान में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या बढ़कर 26 हो गयी है जबकि 245 लोग इससे संक्रमित हो गये हैं। ईरान की उपराष्ट्रपति मासूम्हे इब्तेकार उन सात वरिष्ठ अधिकारियों में से एक हैं जो कोराना वायरस से संक्रमित है। चीन के हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान में कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया था। चीन में कोरोना वायरस के संक्रमण से मरने वालों की संख्या 2788 हो गयी है तथा इससे प्रभावित लोगों की कुल संख्या 78824 पर पहुंच गयी है।