जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंती अशोक गहलोत ने दिल्ली में हुई हिंसा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि दिल्ली चुनावों के दौरान जिस तरह से ध्रुवीकरण करने का अभियान चलाया गया यह उसी का नतीजा है। गहलोत ने आज यहां पत्रकारों से कहा कि उस समय वे लोग कामयाब नहीं हो पाये, जनता ने उनको सबक सिखा दिया। उसके बाद जिस तरह का अभियान चलाया गया और जिस तरह से ध्रुवीकरण किया गया यह हिंसा उसी का नतीजा है।
उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि किसी राष्ट्रपति का कार्यक्रम बना और वहां इस तरह की घटनायें हो गयी हैं, तो उनके सारे कार्यक्रम रद्द हो जाते हैं, लेकिन पहली बार देखा कि दुनिया के सबसे ताकवर देश अमरीका के राष्ट्रपति आ रहे थे, इस दौरान यहां राजधानी सहित पूरे देश में धरने चल रहे थे। लोग मर रहे थे, देश में आग लगी थी। उन्हें सब पता था फिर भी उनका कार्यक्रम रद्द नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि देश में इतनी बड़ी घटनायें हो गयीं, दस पंद्रह लोग मर गये, लेकिन प्रधानमंत्रीजी, गृहमंत्री कोई बोल ही नहीं रहे हैं।
देश में यह हो क्या रहा है, किसी को नहीं मालूम है, ऐसी स्थिति में देश चल रहा है जो बहुत ही चिंताजनक स्थिति है। गहलोत ने लोगों से अनुरोध किया कि चाहे कोई पक्ष-विपक्ष हो, किसी भी धर्म के लोग हों हिंसा के लिये कोई स्थान नहीं होना चाहिए। महात्मा गांधी ने हमें यही सिखाया है। उन्होंने कहा, ‘मुझे इस बात का अफसोस है कि श्री ट्रंप साबरमती आश्रम में गए, पुस्तिका में कमेंट लिखे और महात्मा गांधी का नाम तक नहीं लिखा।’
उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति महात्मा गांधी को मानता ही नहीं है, जिस व्यक्ति की विचारधारा महात्मा गांधी से मिलती ही नहीं है, उन्हें साबरमती आश्रम ले जाया गया और जो कमेंट लिखे जाते हैं वहां महात्मा गांधी का नाम नहीं लिखा गया, वहां नरेंद्र मोदी जी का नाम लिखा, इससे देश की प्रतिष्ठा को ठेस लगी है। उन्होंने कहा कि किसी भी देश की अर्थव्यवस्था इस बात पर निर्भर करती है कि देश में सामाजिक सौहार्द कैसा है।