नई दिल्ली। जनवादी लेखक संगठन ने कथित यौन उत्पीड़न के मामले में फंसे साहित्य अकादमी के सचिव को निलंबित करने एवम पीड़िता को फिर से नौकरी पर बहाल करने की मांग की है। जलेस ने रविवार को यहाँ जारी बयान में आरोप लगाया है कि अकादमी के सचिव ने अपनी उपसचिव का यौन उत्पीड़न किया लेकिन जब इस मामले की आंतरिक जांच नहीं हुई तो उस पीड़ित महिला ने न्याय के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और अदालत ने 16 मार्च तक उसे वैतनिक अवकाश पर रहने की अनुमति दी।
इस बीच अकादमी ने उस महिला का प्रोबेशन कालसमाप्त होने से एक दिन पहले नौकरी से हटा दिया। अकादमी के सचिव से यूनीवार्ता ने फोन कर उनसे उनका पक्ष जानने की कोशिश की तो उन्होंने कोई टिप्पणी करने से फिलहाल मना कर दिया। जलेस ने अपने बयान में लेखकों से यह भी अपील की है कि वे कल से शुरू हो रहे साहित्योत्सव समारोह में मंच से इस घटना की निंदा करें और सचिव को निलंबित करने तथा पीड़िता को नौकरी पर बहाल करने की मांग करें। इस बीच हिंदी के अन्य लेखकों ने भी पीड़ित को न्याय दिलाने और दोषी के खिलाफ करवाई की मांग की हैं।