बुलंदशहर। उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर की एक अदालत ने शराब में जहरीला पदार्थ मिलाकर हत्या करने के मामले चार लोगों को आजीवन कारावास तथा दस-दस हजार रूपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष के अनुसार पहासू क्षेत्र के त्योरी गांव में 20 मार्च 2011 को सभी लोग होली का त्योहार मना रहे थे। गांव के प्रधान राजाराम ने अपने चार साथियों की मदद से गांव के ही राजेंद्र बाल्मीकि को त्योहार का जश्न मनाने के बहाने अपने पास बुला लिया।
उससे शराब में जहरीला पदार्थ मिलाकर राजेंद्र बाल्मीकि को पिलाई। वह बेहोश हो गया। पांच लोग राजेंद्र को गांव के ही सरकारी नल पर बेहोशी की हालत में फेंक कर फरार हो गए। सूचना पर परिजनों ने राजेंद्र को चिकित्सालय में इलाज के लिए भर्ती कराया जहां अगले दिन उसकी मृत्यु हो गई। मृतक की पत्नी लक्ष्मी की तहरीर पर पहासू पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की तो उसने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और सीआरपीसी की धारा 156 /3 के तहत सीजीएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर थाने में एफ आई आर दर्ज कराने की फरियाद की।
न्यायालय के आदेश पर घटना के साढ़े चार महीने बाद एक अगस्त 2011 को लक्ष्मी की तहरीर पर पहासू थाने में मुकदमा दर्ज हुआ। रिपोर्ट में ग्राम प्रधान राजाराम, निरंजन, राजकुमार, प्रेमपाल और मुकेश को नामजद किया गया। विवेचना के बाद पुलिस ने चार्ज शीट न्यायालय में पेश की। मुकदमे की सुनवाई के दौरान अभियुक्त राजा राम की मौत हो गई। विशेष न्यायाधीश (एससी एसटी) विष्णु कुमार के इस मामले की सुनवाई के बाद गुरूवार को निरंजन, राजकुमार, प्रेमपाल और मुकेश को दोषी करार देते हुये आजीवन कारावास तथा दस दस हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई।