नई दिल्ली। संथाल समाज के धार्मिक नेता और साहित्यकार पंडित रघुनाथ मुर्मू को भारत रत्न दिये जाने की आज राज्यसभा में मांग की गयी। बीजू जनता दल की सरोजिनी हेम्ब्रम ने सदन में शून्यकाल के दौरान संथाली भाषा में ही अपनी बात रखते हुए यह मांग की। सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि सदन में पहली बार किसी सदस्य ने संथाली भाषा में अपने विचार रखे हैं और वह इसकी सराहना करते हैं इससे संथाल समाज के लोगों को प्रोत्साहन मिलेगा।
उन्होंने कहा कि सदस्यों के लिए संथाली भाषा का अनुवाद विशेष व्यवस्था के तहत विशेष पैनल में शामिल एक पीएचडी छात्रा ने किया। श्रीमती हेम्ब्रम ने कहा कि महान शिक्षक पंडित रघुनाथ मुर्मू ने ओल चिकी लिपि का आविष्कार कर समाज को एक सूत्र में बांधने का काम किया। उन्होंने कहा कि पंडित मुर्मू की तस्वीर संथाल समाज के घरों में रखकर उनकी पूजा की जाती है और उन्हें समाज के धार्मिक तथा सांस्कृतिक नेता का दर्जा हासिल है। उन्होंने कई पुस्तकें भी लिखी।
ओड़शिा सरकार ने उनके सम्मान में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है। वह केन्द्र सरकार से अनुरोध करती हैं कि इस महान हस्ती को भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए। अनेक सदस्यों ने उनकी बात का समर्थन किया। उप सभापति हरिवंश ने भी कहा कि श्रीमती हेम्ब्रम ने संथाली भाषा में बात रखी यह बड़ी प्रसन्नता का विषय है। उन्होंने कहा कि पंडित मुर्मू बड़े साहित्यकार थे और वह संथाल समाज में पूज्य माने जाते हैं।