प्रयागराज। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है कि बड़े पेड़ों को एक स्थान से उठा कर दूसरे स्थान पर स्थापित करने के लिए ट्रांसप्लांटर मशीन की खरीद जल्द करें, जिससे बिना कोई नुकसान पहुंचाए बडे वृक्षों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित किया जा सके। न्यायमूर्ति पी के एस बघेल और न्यायमूर्ति आर आर अग्रवाल की पीठ ने सड़कों के चौड़ीकरण के लिए पेड़ों की कटाई रोकने के लिए दाखिल जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है। याचिका पर दो माह बाद सुनवाई होगी। न्यायालय ने प्रदेश के मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि वह इस संबंध में जरूरी आदेश पारित करें, साथ ही केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को निर्देश दिया है, कि वह सभी विभागों को सर्कुलर जारी कर पेड़ों की कटाई के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश जारी करें।
न्यायालय ने प्रयागराज के जिलाधिकारी से कहा है कि वह दो साल में पांच लाख पेड़ लगाने की व्यवस्था करें तथा पेड़ों की कटाई लगाने के लिए गठित कमेटी की रिपोर्ट हर तीन माह में न्यायालय में प्रस्तुत की जाए। अदालत ने जिलाधिकारी प्रयागराज को निर्देश दिया है कि संबंधित कमेटी का कोई सदस्य यदि सेवानिवृत्त होता है तो उसके स्थान पर वनस्पति विज्ञान अथवा बागवानी क्षेत्र के किसी विशेषज्ञ की न्यायालय की अनुमति से नियुक्ति की जाए। इससे पूर्व न्यायालय के निर्देश पर पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की ओर से हलफनामा दाखिल कर बताया गया कि ट्रांसप्लांटर मशीन की खरीद लोक निर्माण कार्य विभाग अथवा राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा ही की जा सकती है, क्योंकि मंत्रालय के पास ऐसी कोई एजेंसी नहीं है। प्रदेश सरकार की ओर से दाखिल हलफनामे में कहा गया कि सरकार के यह दोनों विभाग शीघ्र ही ट्रांसप्लांटर मशीन खरीदने की योजना बना रहे हैं, जो कि उनकी योजना लागत के तहत ही होगी।