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जेलों को सुधार केन्द्रों में तब्दील करने के लिए नीति बनायें: किशन रेड्डी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 12 2019 9:37PM | Updated Date: Sep 12 2019 9:37PM
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नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने जेलों को सुधार केन्द्रों में तब्दील करने और वहां कैदियों तथा कर्मचारियों की सुरक्षा पर जोर देते हुए इसके लिए एक सोची-समझी नीति बनाये जाने की जरूरत बतायी है। रेड्डी ने आज यहां पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो (बीपीआरएंडडी) द्वारा आयोजित सम्मेलन ‘जेलों में आपराधिक गतिविधियां और कट्टरता : कैदियों एवं जेल कर्मचारियों की असुरक्षा तथा उनका संरक्षण’ का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में यह बात कही। जेल सुधारों से संबंधित विभिन्न चुनौतियों का उल्­लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जेल प्रणालियों एवं संबंधित मानव संसाधन को बेहतर बनाने के लिए सोची समझी नीति बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से ही देश में जेल प्रशासन विभिन्­न मंचों पर गहन विचार-विमर्श का विषय रहा है।
 
यहां तक कि उच्चतम न्­यायालय ने भी जेलों की स्थिति पर चिंता जताई है। जेलों में सुरक्षा सुनिश्चित करने, कैदियों के रहन-सहन का स्तर बेहतर करने और जेलों को सुधार केन्द्रों में तब्दील करने की जरूरत पर भी उन्होंने बल दिया। रेड्डी ने कहा कि जेलों में इस तरह की व्यवस्था होनी चाहिए जिससे कि कारावास के दौरान कैदियों का रहना दुभर न हो। उनके व्यवहार में सुधार लाने और पुनर्वास की जरूरत पर भी उन्होंने बल दिया। जेल सुधारों से जुड़ी विभिन्न चुनौतियों जैसे जेलों में जरूरत से ज्­यादा कैदियों को रखे जाने, विचाराधीन कैदियों की बढती संख्या, अपर्याप्त बुनियादी ढांचागत सुविधाओं,  जेलों में आपराधिक गतिविधि ,  कट्टरता, महिला कैदियों एवं उनके बच्चों की सुरक्षा, समुचित जेल प्रशासन के लिए धन तथा स्टाफ की कमी इत्यादि का भी उन्होंने उल्लेख किया।
 
उन्होंने कहा कि जेलों में स्थिति बेहतर बनाने के लिए पिछले वर्षों में कयी कदम उठाए गए  हैं। इनमें फास्ट-ट्रैक कोर्ट और लोक अदालतों की स्थापना भी शामिल है, जिससे विचाराधीन कैदियों से जुड़े लंबित मामलों में कमी आएगी और जेल प्रणाली पर कम बोझ पड़ेगा। केन्द्र सरकार की ‘जेल आधुनिकीकरण योजना’ का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस पर 1800 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसके तहत 199 नई जेलें, 1572 अतिरिक्त बैरक एवं जेल कर्मियों के लिए 8568 आवासीय परिसर बनाना है। दो दिन के इस सम्मेलन में बीपीआरएंडडी के महानिदेशक वी.एस.के. कौमुदी, गृह मंत्रालय, केन्द्रीय पुलिस बलों , राज्य पुलिस के सेवारत एवं सेवानिवृत्त अधिकारियों, शिक्षाविदों, नागरिक संगठनों के प्रतिनिधियों और जेल अधिकारी भी मौजूद थे।
 
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