नई दिल्ली। इंग्लैंड की टीम को एशेज सीरीज के पहले टेस्ट के दूसरे दिन नो बाल के कारण विकेट नहीं मिला। हालांकि, नो बाल पर वैसे भी कम ही विकेट मिलता है, लेकिन लाइव एक्शन में कुछ तकनीकि खामी थी, जिसके कारण थर्ड अंपायर फ्रंट फुट की नो बाल को चेक नहीं कर पा रहे थे। वहीं, इस दौरान बेन स्टोक्स ने लगातार तीन नो बाल फेंकी, जिस पर ध्यान नहीं गया और फिर चौथी नो बाल पर उन्होंने डेविड वार्नर को क्लीन बोल्ड कर दिया। आइसीसी के नियम के मुताबिक, इस गेंद को थर्ड अंपायर ने आउट होने के बाद चेक किया तो पाया गया कि बेन स्टोक्स ओवरस्टेप कर गए थे। बाद में इसका खुलासा हुआ का थर्ड अंपायर नो बाल चेक नहीं कर रहा है, जो कि ब्राडकास्टिंग टीम की तरफ से इरर था। अगर बेन स्टोक्स को पहले पता चलता कि वे लगातार ओवरस्टेप कर रहे हैं तो वे क्रीज के पीछे से गेंदबाजी करते। इसी वजह से आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग अंपायरों पर भड़क गए।
रिकी पोंटिंग ने घरेलू ब्राडकास्टर चैनल 7 पर टिप्पणी करते हुए, अंपायरिंग को दयनीय कहा। फरवरी 2020 से नो बाल पर फैसला लेना टीवी अंपायर की जिम्मेदारी रही है, लेकिन बाद में यह सामने आया कि उन्हें इस टेस्ट के लिए इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक इस टेस्ट के लिए काम नहीं कर रही है, जिम्मेदारी वापस मैदान के अंपायर पाल राइफेल और राड टकर को सौंप दी गई है। मैदानी अंपायरों के लिए हर गेंद को देखना आसान नहीं होता है। बेन स्टोक्स ने पांच ओवरों में कुल 14 नो बाल कीं, जिसमें सिर्फ उसी गेंद को नो बाल करार दिया गया, जिस पर उनको विकेट मिला था। इंग्लैंड की टीम के गेंदबाजी कोच ने भी यही कहा है कि गेंदबाजी के लिए अपना पैर देखना संभव नहीं है। अंपायर की तरफ से जानकारी दी जानी चाहिए थी। अगर उनको पता होता कि वे ओवरस्टेप कर रहे हैं तो फिर वे इस पर ध्यान देते और वो विकेट इंग्लैंड की टीम को मिल जाता, क्योंकि बाद में वार्नर ने 94 रन बनाए।