25 Apr 2024, 04:25:06 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
Sport

पेन की ब्रिस्बेन के दर्शकों से अपील ...भारतीय खिलाडियों का करें सम्मान

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jan 14 2021 4:14PM | Updated Date: Jan 14 2021 4:14PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

सिडनी। ऑस्ट्रेलिया के कप्तान टिम पेन ने ब्रिस्बेन के गाबा मैदान पर भारत के साथ शुक्रवार से शुरू होने वाले चौथे और अंतिम टेस्ट मैच की पूर्वसंध्या पर ब्रिस्बेन के दर्शकों से मैदान पर भारतीय खिलाडियों का सम्मान करने की अपील की है। पेन ने यह कदम सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) पर तीसरे टेस्ट मैच के दौरान विवाद में आने का बाद उठाया है। सिडनी में भारतीय खिलाड़ियों मोहम्मद सिराज और जसप्रीत बुमराह पर नस्लीय टिप्पणी की गयी थी और भारतीय टीम की शिकायत के बाद ऐसी टिप्पणी करने वाले छह दर्शकों को मैदान से बाहर कर दिया गया था।
 
पेन ने यहां गुरुवार को कहा, ‘‘दर्शकों का किसी के साथ भी दुर्व्यवहार उचित नहीं है। नस्लीय दृष्टिकोण को त्याग दें। हम चाहते हैं कि लोग गाबा में साथ आएं, क्रिकेट का आनंद लें और ऑस्ट्रेलिया-भारत का समर्थन करें। अगर चाहें तो अंपायरों का भी समर्थन करें। मेरा सुझाव है कि दर्शक दुर्व्यवहार को मैदान के गेट पर छोड़ कर आएं और खेल के साथ-साथ खिलाडियों का सम्मान करें और उन्हें एक अच्छा माहौल दें।’’ सिडनी में भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन पर कमेंट करने के चलते आलोचना झेलने वाले ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने कहा, ‘‘मुझे पता है कि इस मुद्दे पर सुनील गावस्कर ने मेरे बारे में क्या कहा है, लेकिन मैं इस विषय पर ज्यादा नहीं सोच रहा हूं, क्योंकि मुझे नहीं लगता कि मैं इसमें जीतूंगा।
 
उन्हें अपने विचार रखने का हक है। इससे हम बिल्कुल भी प्रभावित नहीं होंगे, इसलिए वह जो कहना चाहते हैं कह सकते हैं।’’ पेन ने गाबा की पिच के बारे में कहा कि क्रिकेट के लिहाज से यह एक मुश्किल जगह है। यहां तक कि तस्मानिया और विक्टोरिया के खिलाडियों के लिए यहां खेलते वक्त गेंद की अतिरिक्त उछाल और विकेट की गति से परेशानी होती है, हालांकि यहां ऐसा कुछ है जो लंबे समय से ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय और घरेलू टीमों के लिए लाभदायक रहा है। उल्लेखनीय है कि गाबा मैदान की पिच पर अतिरिक्त उछाल और गति होने से यहां ऑस्ट्रेलियाई टीम का दबदबा रहता है। वर्ष 1988 के बाद से उसे यहां कोई नहीं  हरा पाया है।
 
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »