नई दिल्ली। भारत के पूर्व कप्तान और बल्लेबाजी लीजेंड सुनील गावस्कर ने कहा है कि वह भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहले टी-20 मैच के दौरान कन्कशन सब्सटीट्यूट को लेकर उठे विवाद से काफी हैरान हैं। भारतीय टीम के लेफ्ट आर्म स्पिन ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा को शुक्रवार को खेले गए इस मैच के भारतीय पारी के आखिरी ओवर में बल्लेबाजी के दौरान हेलमेट पर तेज गेंदबाज मिशेल स्टार्क की गेंद लग गयी थी।
जडेजा ऑस्ट्रेलिया की पारी में फील्डिंग करने नहीं उतरे और टीम इंडिया ने लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल को जडेजा की कन्कशन सब्सटीट्यूट के तौर पर टीम में शामिल किया था। ऑस्ट्रेलिया के कोच जस्टिन लेंगर ने हालांकि इस फैसले का विरोध किया था और उनकी मैच रेफरी डेविड बून के साथ बहस भी हुई थी लेकिन उनके विरोध को खारिज कर चहल को टीम में शामिल करने की मंजूरी दी गयी थी।
गावस्कर ने इंडिया टुडे से कहा, ‘‘आप इस बात पर बहस कर सकते हैं कि चहल ऑलराउंडर नहीं है लेकिन मेरा मानना है कि कोई भी गेंदबाज जो बल्लेबाजी करता है, भले ही वह एक रन बनाए या 100 रन वह ऑलराउंडर ही है। चहल को सब्सटीट्यूट के तौर पर खेलाना सही था और ऑस्ट्रेलियाई मैच रेफरी को इससे कोई आपत्ति नहीं थी। मुझे नहीं लगता कि इस मामले में किसी विवाद की जरुरत है।
उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने पिछले साल सिर पर चोट लगने की सूरत में टीमों को कन्कशन सब्सटीट्यूट की इजाजत दी थी। चहल ने मैच में चार ओवर में 25 रन देकर तीन विकेट लिए थे और उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया था। भारत ने यह मैच 11 रन से जीता था। टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने भी कहा कि सब्सटीट्यूट की इजाजत देना मैच रेफरी का फैसला था।