विराट कोहली की कप्तानी में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने जीत के साथ आईपीएल 2019 से विदाई ली थी। आखिरी मुकाबला सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ खेला गया। जिसमें गुरकीरत सिंह और शिमरोन हेटमायेर ने शानदार पारी खेली और सनराइजर्स हैदराबाद को चार विकेट से हराकर आईपीएल से विदा ली। जीत के लिये 176 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए आरसीबी ने तीसरे ओवर में शुरूआती तीन विकेट 20 रन पर ही गंवा दिये थे। प्लेआफ की दौड़ से पहले ही बाहर हो चुकी टीम के लिये गुरकीरत और हेटमायेर नायक बनकर उभरे और उमेश यादव ने आखिरी ओवर में मोहम्मद नबी को दो चौके लगाकर टीम को जीत तक पहुंचाया।
मैच में कुछ ऐसा हुआ जिसने हर किसी को हैरान कर दिया। अंपायर के एक गलत फैसले से विराट कोहली इतना हुस्सा गए कि अंपायर पर बरस पड़े। बेंगलुरु और हैदराबाद के बीच चिन्नास्वामी स्टेडियम पर मुकाबला खेला जा रहा था। उस मुकाबले में विराट कोहली और अंपायर नीजल लॉन्ज के बीच बहस हो गई। बहस होने के बाद जब अंपायर इनिंग खत्म होने के बाद अंपायर रूम में पहुंचे तो गुस्सा निकालने के लिए दरवाजे पर जोर से लात मारी. जिससे दरवाजा डैमेज हो गया।
मैच में नीजल लॉन्ज ने उमेश यादव की गेंद को नो बॉल करार दिया। लेकिन स्क्रीन पर दिखाया गया कि उमेश यादव का पैर क्रिज के अंदर था। जिसको देख कप्तान विराट कोहली भड़क गए और अंपायर से बहस करने पहुंच गए। काफी देर तक दोनों के बीच बहस चलती रही। लेकिन अंपायर ने नो बॉल के फैसले को सुरक्षित रखा और उमेश यादव को वापस गेंद डालनी पड़ी। कर्नाटक राज्य क्रिकेट एसोसिएशन को बात का पता चला तो उन्होंने अंपायर लॉन्ज से बात की। अंपायर ने दरवाजे के टूटने के लिए माफी मांगी और क्षति की भरपाई के लिए 5 हजार रुपये भी दिए।