नई दिल्ली। भारत ने 2022 के बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी और तीरंदाजी को वापस लाकर एक नयी पहल की शुरुआत की है और भविष्य में एक राष्ट्रमंडल खेलों का एक से ज्यादा देशों में एक साथ आयोजन किया जा सकेगा। निशानेबाजी और तीरंदाजी को बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजकों ने बाहर का रास्ता दिखा दिया था लेकिन भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) ने अपने अथक प्रयासों से ना केवल निशानेबाजी को बल्कि तीरंदाजी को भी राष्ट्रमंडल खेलों में लौटा दिया।
बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों की निशानेबाजी और तीरंदाजी प्रतियोगिता की मेजबानी अब भारतीय शहर चंडीगढ़ जनवरी 2022 में करेगा। एनआरएआई के अध्यक्ष रणइंदर ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में भारत के सफल प्रयासों की जानकारी देते हुए कहा,‘‘ओलंपिक इतिहास में यह पहला मौका है जब किन्हीं खेलों से बाहर किए गए खेल को वापस लौटाया गया है और लौटाए गए खेल की मेजबानी कोई दूसरा देश करने जा रहा है। रणइंदर ने कहा,‘‘यह एक अभूतपूर्व पहल है और इससे भविष्य के खेल आयोजनों को नयी दिशा मिलेगी।
राष्ट्रमंडल खेलों का इतिहास देखा जाए तो अब तक आठ-दस देशों ने ही इन खेलों की मेजबानी की है और 78 सदस्य देशों में से अधिकतर देश इन खेलों की मेजबानी करने में सक्षम नहीं है। लेकिन हमारी इस पहल से मेजबानी को नयी दिशा मिल सकती है। भविष्य में ऐसा हो सकता है कि एक से ज्यादा देश एक राष्ट्रमंडल खेलों की एक साथ मेजबानी कर सके।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा,‘‘उदाहरण के तौर पर भारत ने कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में निशानेबाजी, जवाहरलाल नेहरु स्टेडियम में एथलेटिक्स और आईजी स्टेडियम में जिमनास्टिक का आयोजन किया जा सकता है। इससे मुख्य मेजबान देश का खर्चा कम होगा और नए देशों में खेलों के आयोजन की संभावनाएं बढ़ सकेंगी।