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Sport

बंगलादेश में त्रिकोणीय सीरीज से हटा जिम्बाब्वे

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 22 2019 12:41AM | Updated Date: Jul 22 2019 12:41AM
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हरारे। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के प्रतिबन्ध के बाद धन की परेशानी झेल रहे जिम्बाब्वे ने घरेलू सीरीज और आगामी एफटीपी कार्यक्रम में हिस्सा लेने में असमर्थता जताई है जिसके चलते वह बंगलादेश में त्रिकोणीय सीरीज से हट गया है। जिम्बाब्वे की टीम को सितंबर में बंगलादेश का दौरा करना था जहां उसे त्रिकोणीय सीरीज में भाग लेना था। बंगलादेश और जिम्बाब्वे के अलावा अफगानिस्तान भी इस सीरीज का हिस्सा है। लेकिन यदि जिम्बाब्वे सीरीज का हिस्सा नहीं रहता है तो यह द्विपक्षीय सीरीज बन जाएगी। इस प्रतिबन्ध के कारण जिम्बाब्वे आगामी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) इवेंट्स का हिस्सा भी नहीं होगा। वह अगस्त और सितंबर के महीने में स्कॉटलैंड में होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप क्वालिफायर में भी वह भाग नहीं ले सकेगा।

जिम्बाब्वे को अगले साल जनवरी में भारत से तीन मैचों की टी-20 सीरीज भी खेलनी थी। लेकिन प्रतिबन्ध से यह सीरीज भी खतरे में पड़ गई हैं। आईसीसी ने सरकार के दखल का हवाला देते हुये जिम्बाब्वे क्रिकेट को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया है। आईसीसी का यह फैसला तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है जिससे उसके द्वारा जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड को दी जाने वाली सारी वित्तीय मदद भी रोक दी गयी है। जिम्बाब्वे की सभी प्रतिनिधि टीमों को अब आईसीसी के किसी भी टूर्नामेंट में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं होगी।

वैश्विक संस्था के इस फैसले के बाद जिम्बाब्वे की महिला क्रिकेट टीम का अगस्त में होने वाले ट्वंटी 20 विश्वकप क्वालिफायर और अक्टूबर में पुरूष ट्वंटी 20 विश्वकप क्वालिफायर में हिस्सा लेना भी लगभग नामुमकिन हो गया है। इस सप्ताह लंदन में कई दौर की बैठकों के बाद आईसीसी बोर्ड ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया है। जिम्बाब्वे क्रिकेट को आईसीसी  के संविधान की धारा 2.4 (सी) और (डी) का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया है। आईसीसी के चेयरमैन शशांक मनोहर ने इस फैसले को लेकर कहा,‘‘हम किसी भी सदस्य की मान्यता रद्द करने के फैसले को हल्के में नहीं लेते। लेकिन हमारा लक्ष्य इस खेल को सरकार के हस्तक्षेप से अलग रखना है। जिम्बाब्वे क्रिकेट में जो हुआ वह आईसीसी के संविधान उल्लंघन का गंभीर मामला है।’’

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