बेंगलुरु। भारतीय हॉकी टीम के लिए 47 मैच खेल चुके स्ट्राइकर गुरजंत सिंह का मानना है कि पिछले एक साल में ज्यादा समय साथ रहने और बायो-बबल में प्रशिक्षण ने खिलाड़यिों के बीच एक स्वाभाविक समझ पैदा की है और इससे टीम के सदस्य एक दूसरे के करीब आए हैं।
यूरोप और अर्जेंटीना के हालिया दौरे में भारतीय टीम का हिस्सा रहे गुरजंत ने एक बयान में कहा, ‘‘टीम एक यूनिट के रूप में काम कर रही है और यह यूरोप और अर्जेंटीना में सफलता के सबसे बड़े कारणों में से एक है। हम सभी एक साल से कैंप में एक साथ हैं और मुझे नहीं लगता कि किसी अन्य टीम ने लॉकडाउन के दौरान एक साथ इतना समय बिताया होगा। मुझे लगता है कि हर सदस्य का इतने लंबे समय तक एक साथ रहना प्लस पॉइंट्स में से एक है।’’
स्ट्राइकर ने कहा, ‘‘राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के खत्म होने के बाद भी हमने कभी प्रशिक्षण नहीं रोका। हम कड़ी मेहनत करते रहे और साथ बिताए पूरे समय में एक-दूसरे से संवाद करते रहे। मुझे लगता है कि इससे हमारे बीच एक स्वाभाविक समझ बन गई है और इसी वजह से टीम एक यूनिट के रूप में काम कर रही है। यूरोप और अर्जेंटीना के हमारे सफल दौरों के पीछे यह सबसे बड़ा कारण है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘टीम में अर्जेंटीना के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करने की भूख थी। हम सभी में प्रदर्शन करने की भूख थी। हम अपनी सभी तैयारियों को परखना चाहते थे, खासकर अर्जेंटीना जैसी उच्च स्तरीय टीम के खिलाफ। हम वापसी के लिए उत्साहित थे। हमारी मानसिकता सकारात्मक थी और मुझे लगता है कि इसने हमें दौरों पर लय हासिल करने में हमारी मदद की।’’