अहमदाबाद। भारतीय जमीन पर अपना पहला शतक जमा कर टीम इंडिया को इंग्लैंड के खिलाफ चौथे और अंतिम टेस्ट में मजबूत स्थिति में पहुंचाने वाले युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने शुक्रवार को कहा कि वह हमेशा स्थिति के अनुसार खेलते हैं और गेंद को देखने के बाद ही उस पर प्रहार करते हैं।
23 वर्षीय पंत ने चौथे टेस्ट में 101 रन की पारी खेलने के बाद मेजबान ब्रॉडकास्टर से कहा, ' मेरे खेलने का अंदाज यही है कि मैं स्थिति के अनुसार खेलता हूं और गेंद देखने के बाद उसकी मेरिट पर उस पर प्रहार करता हूं। मैं अपनी क्रिकेट खेलना चाहता हूं और टीम को जिताना चाहता हूं। यदि मेरी पारी से दर्शकों का मनोरंजन होता है तो यह मेरे लिए सबसे बड़ी खुशी है।'
उन्होंने कहा कि जब मैं और रोहित भाई खेल रहे थे तो हमारी योजना एक साझेदारी बनाने की थी। पिच पर कुछ देर जमने के बाद मैंने अपने शॉट खेलने का फैसला किया। कई बार जब गेंदबाज अच्छी गेंदबाजी कर रहा होता है तो आपको उसकी गेंदों को सम्मान देना होता है। यदि खराब बॉल मिले तो आप उस पर प्रहार कर सकते हैं। मेरे दिमाग में यही बात थी। यह पूछने पर कि क्या उनके दिमाग में शतक था।
पंत ने कहा, 'मैं निजी लक्ष्यों के साथ नहीं खेलता। ऐसा कुछ मेरे दिमाग में नहीं चल रहा था। मेरे दिमाग में सिर्फ टीम की योजना थी।' पंत से जब यह पूछा गया कि उनके पास अटैक करने का लाइसेंस रहता है। उन्होंने कहा, 'अधिकतर समय मेरे पास यह लाइसेंस रहता है, लेकिन मैं स्थिति का आकलन करता हूं और उसके हिसाब से ही आगे बढ़ता हूं। यह बात आपको मेरी आज की पारी में दिखाई दी होगी।