नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज मोहम्मद कैफ ने टीम इंडिया के विवादित कोच ग्रेग चैपल पर कटाक्ष किया है। कैफ ने भारत के दो पूर्व विदेशी कोचों के बारे में बात की और बताया कि इन दोनों के बीच कितना अंतर था। कैफ का मानना है कि चैपल एक अच्छे कोच हो सकते थे लेकिन उन्होंने अपना नाम खराब कर लिया।
भारत के बेहतरीन फील्डर और इंग्लैंड के खिलाफ ऐतिहासिक नेटवेस्ट फाइनल जीत के हीरो रहे कैफ ने भारत के पहले दो विदेशी कोचों के अंदर खेला। उनका मानना था कि चैपल अगर टीम इंडिया के कोच ना बनकर बल्लेबाजी कोच के तौर पर काम करते तो ज्यादा अच्छा होता।
भारत के पहले विदेशी कोच जॉन राइट जिन्होंने साल 2000 से 2005 तक भारतीय टीम के साथ काम किया। कप्तान सौरव गांगुली और कोच राइट की जोड़ी ने टीम के अद्भुत सफलता दिलाई थी। इस दौरान भारत ने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट मैच जीता जबकि इंग्लैंड के खिलाफ 2002 में ऐतिहासिक नेटवेस्ट सीरीज फाइनल जीत कर ट्रॉफी पर कब्जा जामया। इतना ही नहीं भारत ने राइड की कोचिंग में ही साउथ अफ्रीका में खेले गए 2003 विश्व कप फाइनल में जगह भी बनाई थी।
टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कैफ ने बताया, "चैपल एक अच्छे बल्लेबाजी कोच हो सकते थे लेकिन उन्होंने अपना नाम खराब कर लिया क्योंकि वो टीम के सही तरीके से नहीं चला पाए। वह भारत में काम करने के तरीके को नहीं समझ पाए और उनके अंदर लोगों के साथ काम करने के हुनर की कमी थी। मैन मैनेजमेंट खराब होने की वजह से ही वे इतने बुरे कोच साबित हुए।"
चैपल ने जब टीम इंडिया का कार्यभार संभाला तो विवादों के अलावा कुछ भी नहीं हुआ। दिग्गज भी मानते हैं कि कोच और कप्तान गांगुली के बीच के विवाद ने टीम का बंटाधार कर दिया। 2007 के आईसीसी विश्व कप में भारतीय टीम के पहले दौर से हारकर शर्मनाक विदाई लेनी पड़ी। "लोग जॉन राइड का सम्मान करते हैं क्योंकि उन्होंने खिलाड़ियों के साथ अच्छे से तालमेल बिठाया और कप्तान गांगुली को आगे बढ़कर अपने तरीके से टीम का नेतृत्व करने की आजादी दी।"