नई दिल्ली। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में भारतीय टीम ने आज ही के दिन नौ वर्ष पहले 28 वर्ष का सूखा खत्म कर श्रीलंका को हराकर विश्वकप जीता था। टीम इंडिया ने 2011 आईसीसी विश्वकप के फाइनल में श्रीलंका को बेहद रोमांचक मुकाबले में छह विकेट से हराकर दूसरी बार विश्वकप अपने नाम किया था। मुंबई में हुए फाइनल में श्रीलंका ने पहली बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में छह विकेट पर 274 रन बनाए। लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम ने 48.2 ओवर में चार विकेट पर 277 रन बनाकर खिताब अपने नाम किया।
इस खिताब की तलाश भारतीय टीम के साथ-साथ देश की जनता को भी वर्षों से थी और धोनी ने नुवान कुलशेखरा की गेंद पर छक्का जड़ भारत का 28 वर्ष का सूखा खत्म किया और टीम को विश्वविजेता बना दिया। यह जीत टीम इंडिया के साथ-साथ टीम के सबसे सीनियर खिलाड़ी रहे सचिन तेंदुलकर के लिए भी काफी अहम थी।
यह उनके करियर का छठा और अंतिम विश्वकप था। फाइनल मैच सचिन के घरेलू मैदान मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में हुआ था। 2011 विश्वकप का आयोजन एशिया में हुआ था और टीम इंडिया ने टूर्नामेंट की शुरुआत से ही दिखा दिया था कि वह इसकी प्रबल दावेदारों में से एक है।
भारत ने टूर्नामेंट के ग्रुप चरण से ही धमाकेदार शुरुआत की और पहले मुकाबले में बंगलादेश को पराजित किया। इसके बाद टीम लगातार जीत की राह पर बढ़ती रही। हालांकि उसका इंग्लैंड के साथ मैच टाई रहा जबकि उसे दक्षिण अफ्रीका के हाथों हार का सामना करना पड़ा लेकिन भारत ने क्वार्टरफाइनल में गत विजेता ऑस्ट्रेलिया को पराजित कर अपनी मजबूती का एहसास दिला दिया।