मुंबई। बांग्लादेश के खिलाफ पहली टी 20 हैट्रिक लेकर दीपक चाहर छाए हुए हैं उनकी हर ओर चर्चा है।पर यह बात बहुत कम लोग जानते हैं कि यहां तक पहुंचने के लिए युवा खिलाड़ी ने कड़ा संघर्ष किया है। चाहर की शानदार गेंदबाजी के आगे बांग्लादेशी बल्लेबाजों के गिल्लियां बिखर गईं और भारतीय टीम ने सीरीज अपने नाम कर लिया। दीपक अब एक गेंदबाज के रूप में निखर रहे हैं और नई गेंद के साथ पुरानी गेंद से भी मारक साबित हो रहे हैं।
कहा जाता है कि दीपक चाहर को क्रिकेट बनाने के लिए उनके पिता लोकेंद्र चाहर ने वायुसेना की नौकरी तक छोड़ दी थी। उनके इस प्रदर्शन पर पिता लोकेंद्र चाहर ने खुशी जताई। लोकेंद्र आगरा के बिचपुरी में चाहर एकेडमी में बच्चों को ट्रेनिंग देते हैं।
दीपक दस साल के ही थे जब उन्हें जयपुर क्रिकेट एकेडमी में भर्ती करा दिया था। दीपक चाहर की इस कामयाबी से आज उनके पिता भी खुश हैं। बताया जाता है कि लगातार प्रेक्टिस और कभी हार नहीं मानने की आदत दीपक की शुरू से ही रही है और इसलिए आज वह कामयाब रहे हैं।
दीपक चाहर 18 साल की उम्र में सबसे पहले चर्चा तब आएजब राजस्थान के लिए रणजी मैच में डेब्यू करते हुए हैदराबाद के खिलाफ 10 रन देकर 8 विकेट लिए। इसके बाद महेंद्र सिंह धोनी ने आईपीएल दीपक चाहर का हुनर पहचाना और दीपक ने चेन्नई सुपर किंग्स के लिए शानदार प्रदर्शन किया है।
दीपक चाहर के लिए साल 2018 और 2019 का आईपीएल सीजन बढ़िया रहा है उनकी गेंदबाज़ी ने चेन्नई सुपर किंग्स को कई मुकाबले जितवाने में बढ़िया भूमिका निभाई। बता दें कि दीपक चाहर मौजूदा समय जैसा प्रदर्शन कर रहे हैं उससे उन्हें भविष्य का भावी क्रिकेटर माना जा रहा है ।