नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड का 33 महीनों तक संचालन देखने के बाद प्रशासकों की समिति बुधवार को अपनी जिम्मेदारियों से तब मुक्त हो जाएगी जब सौरभ गांगुली के नेतृत्व में बोर्ड के नये पदाधिकारी अपना कार्यभार संभालेंगे। गांगुली आधिकारिक रूप से बीसीसीआई के नये अध्यक्ष बन जाएंगे और इसके साथ ही सीओए का बीसीसीआई पर से संचालन समाप्त हो जाएगा। उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि गांगुली के नेतृत्व में नये पदाधिकारियों के आने के बाद से ही विनोद राय की अध्यक्षता वाला सीओए अपनी जिम्मेदारियों से मुक्त हो जाएगा। सर्वाच्च न्यायालय ने इसके साथ ही सीओए के निवर्तमान सदस्यों को राहत प्रदान करते हुये साथ ही कहा कि राय और उनके सहयोगियों के खिलाफ सीओए के रूप में उनकी किसी भी गतिविधि को लेकर कोई भी कानूनी कार्रवाई नहीं की जा सकेगी।
उच्चतम न्यायालय ने साफ शब्दों में कहा कि सीओए के खिलाफ व्यक्तिगत या संयुक्त रूप से कोई भी कानूनी कार्रवाई नहीं हो सकेगी। उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में कहा,‘‘ नये पदाधिकारियों के अपना पदभार संभालने के साथ ही सीओए का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा और वह अपनी सभी बाध्यताओं से मुक्त हो जाएंगे। समिति के खिलाफ सीओए के रूप में उनके किसी भी कार्य को लेकर कोई भी कार्रवाई नहीं की जा सकेगी।’’ लोढा समिति की सिफारिशों को लागू कराने के लिये चार सदस्यीय सीओए का गठन जनवरी 2017 में किया गया था। बाद में इसके दो सदस्य विक्रम लिमये और रामचंद्र गुहा ने अपने पदों को छोड़ दिया था जबकि राय और डायना इडुलजी अपने पदों पर बने रहे थे। फरवरी 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने सीओए के तीसरे सदस्य के रूप में लेफ्टिनेंट जनरल रवि थोडगे की नियुक्ति की थी।