आपने कुछ लोगो को देखा होगा जो भगवान की खूब पूजा अर्चना करते है, भगवान को मनाने के कई उपाय करते है। इसके साथ ही मेहनत भी खूब करते है, लेकिन मनचाहा फल कभी प्राप्त नहीं कर पाते है। इसके पीछे कई तरह की वजह होती है, लेकिन आज हम इसके पीछे की जो वजह समुद्र शास्त्र में बताई गयी है, उसके बारे में बात करने जा रहे है।
समुद्र शास्त्र के अनुसार इसमें हस्तरेखा शास्त्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हमारी हथेली में कुछ शुभ और अशुभ निशान होते है, ये शुभ निशान एक ओर जहां व्यक्ति का भाग्य बदल देते है, वहीँ दूसरी ओर हथेली में मौजूद अशुभ निशान हमारे जीवन में कोई ना कोई मुसीबत लाते रहते है।
कटी हुयी भाग्य रेखा : हथेली पर भाग्य रेखा का होना बहुत ही जरुरी होता है। एक व्यक्ति की हथेली में मौजूद एक अच्छी भाग्य रेखा जहां व्यक्ति के भाग्य में चार चाँद लगा देती है और इसके विपरीत टूटी हुयी या बीच में से कटी हुयी रेखा व्यक्ति के जीवन में दरिद्रता लाती है।
सूर्य रेखा का ना होना : हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार हथेली में सूर्य रेखा का होना समाज में मान सम्मान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस रेखा का हथेली में ना होना व्यक्ति के लिए दुखदायी होता है क्योंकि इसके ना होने के कारण व्यक्ति समाज में उचित मान समान प्राप्त नहीं कर पाता है।
अनावश्यक क्रॉस के निशान : कई लोगो की हथेली एकदम स्पष्ट होती है जबकि कुछ लोगो की हथेली में जरूरत से अधिक क्रॉस के निशान होते है, ऐसा होने से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति सही नहीं रहती है।
पर्वतो में उभार ना होना : यदि हथेली में मौजूद पर्वतो में किसी भी प्रकार का उभार नहीं होता है तो ऐसा व्यक्ति भाग्यहीन कहलाता है।