भगवान गणेश बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता के रूप में पूजे जाते हैं। भगवान गणेश को प्रसाद के रूप में मोदक चढ़ाएं जाते हैं। इसके पीछे भी एक कहानी है। ऐसा कहा जाता है कि एक दिन भगवान गणेश औऱ परशुराम का युद्ध हो गया। इसमें भगवान गणेश का एक दांत टूट गया। इस वजह से भगवान गणेश कुछ खा नहीं पा रहे थे। इस वजह से उनके लिए मोदक बनाए गए। मोदक बहुत मुलायम होते हैं। जिन्हें गणेश जी ने आसानी से खा लिया। यही वजह है कि उन्हें मोदक बहुत पसंद हैं।
महाराष्ट्र में गणेश उत्सव से पहले ही मोदक बना लिए जाते हैं। इसके अलावा गणेश जी को मोतीचूर के लड्डू भी अर्पित किए जाते हैं। वहीं माहाराष्ट्र में पूरन पोली भी भगवान को चढ़ाए जाते हैं। नारियल चावल भी गणेश जी को अर्पित किए जा सकते हैं। यह दक्षिण भारत में खास बनाया जाता है। नारियल के दूध या पानी में चावल को पकाकर इसमें मीठा मिलाया जाता है।
इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि गणेश चतुर्थी को सुबह स्नान करके भगवान श्रीगणेश को शुद्ध घी और गुड़ का भोग लगाना चाहिए। इससे भगवान गणेश बहुत प्रसन्न होते हैं। इससे भक्तों को धन की समस्या समाप्त होती है। अगर आप गणेश चतुर्थी पर व्रत रख रहे हैं तो जो प्रसाद आप गणेश जी के लिए बना रहे हैं, उसी से व्रत खोलें।