नई दिल्ली। कोरोना वायरस से पूरी दुनिया इन दिनों काफी परेशान है और इसी बीच में ज्योतिषियों का दावा है कि शनि देव कोरोना से लोगों को मुक्ति दिलाएंगे। जिस कोरोना से इटली को काफी ज्यादा नुकसान हुआ है, शनि देव का वहां से एक अनोखा कनेक्शन सामने आया है। पूरी दुनिया इन दिनों कोरोना वायरस से परेशान है। अभी भी लोग लगातार संक्रमित हो रहे हैं तो कई देशों में इस वायरस की वजह से लोगों की मौतें भी हो रही है। हर तरह की कोशिशों के बाद भी कोरोना वायरस को फैलने से रोकने में काफी सफलता नहीं मिली है। इस बीच में कोरोना को लेकर कई तरह की भविष्यवाणी की गई है।
इस बार शनि जयंति के दिन जो संयोग बन रहा है, उसका कनेक्शन कोरोना से भी बताया जा रहा है। कोरोना काल में चीन से लेकर अमेरिका और इटली तक, उसके बाद हिन्दुस्तान में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। लोग लगातार कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे हैं, लेकिन इसी बीच में एक ऐसी बात सामने आई है जो बेहद ही चौंकाने वाली है। इस बार इटली में कोरोना वायरस की वजह से काफी दिक्कतें हुई। हजारों लोग संक्रमित हुए तो कोरोना से काफी लोगों की मौत भी हुई।
अब ये बात सामने आई है कि भारत के बाहर सबसे प्राचीन शनि मंदिर इटली में ही है और कोरोना काल में जो शनि जयंति मनाई जा रही है। उसका असर कोरोना वायरस पर भी पड़ेगा। भारत में जिस ज्योतिष को माना जाता है। उसमें शनिदेव को न्यायाधीश माना गया है। अभी ज्योतिषियों ने कोरोना के संक्रमणकाल में जो भविष्यवाणी की है, वो किसी भी नई उम्मीद से कम नहीं है। कहा जा रहा है कि कोरोना काल में जो शनि जयंती हुआ है। उसमें एक ही दिन चार ग्रह एक ही राशि में रहेंगे। माना जा रहा है कि इस संयोग से शनि जयंती के बाद से कोरोना महामारी में भी कमी आ सकती है।
अब कहा जा रहा है कि इस विशेष संयोग में शनि देव की पूजा-पाठ करने से भी लोगों को काफी ज्यादा लाभ मिल सकता है। दूसरी तरफ कोरोना काल में इटली को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है। जितनी संख्या में लोग संक्रमित हुए हैं, उसी तरह से लोगों की मौतें भी हुई है। इन बातों का जिक्र इसलिए जरूरी है, क्योंकि शनि देव का इटली से एक अनोखा और काफी पुराना संबंध भी है। ये सच है कि आज की तारीख में जब आधुनिक मेडिकल साइंस भी कोरोना महामारी के आगे नतमस्तक होता दिख रहा है तो किसी भी जगह से उम्मीद भरी बातें सामने आती है, तो आशांए बढ़ जाती है।
फिलहाल ज्योतिषियों की मानें तो इस बार लगभग 1000 साल बाद पड़ने वाली शनि जयंती के विशेष अवसर पर ऐसी ही उम्मीद जाहिर की गई है। कहते हैं कि इटली का संबंध शनि देवता से काफी पुराना है। ये भी कहा जाता है कि वहां अब सिर्फ अवशेष ही बचे हैं। खासकर मंदिर के मुख्य हिस्से में 8 स्तंभ दिखाई देते हैं। इन खंबों के किनारों को मिस्र के ग्रेनाइट से बनाया गया था। ये भी कहा जाता है कि ग्रीक देवता क्रोनास और शनि के बीच कई समानताएं हैं। ऐसे में जब पूरी दुनिया पर कोरोना का संकट मंडराया हुआ है तब इस बार शनि देव को लेकर कहा जा रहा है कि वही कोरोना जैसे संकट से लोगों को निजात दिलाएंगे।
शनि देव का इटली से एक और पुराना संबंध बताया जाता है। कहते हैं कि पुराने समय में ग्रीक देवता क्रोनास और रोम के देवता सेटर्न को एक ही माना जाता था। उस समय दिसंबर में क्रोनास और सेटर्न के सम्मान में इटली में विशेष उत्सव होते थे। लोग एक-दूसरे को उपहार देते थे और ये पर्व कई दिनों तक चलता था। कहते हैं कि आज भी रोम में 17 दिसंबर से शनि का विशेष उत्सव मनाया जाता है। वैसे भी कहते हैं कि किसी भी व्याधि या संक्रमण की अवधि एक ग्रहण काल से दूसरे ग्रहण काल तक रहती है।
ऐसे में कोरोना संक्रमण की शुरूआत पिछले साल 26 दिसंबर 2019 को लगे सूर्य ग्रहण से हुई थी, जो अब अगले 21 जून 2020 को पड़ने वाले सूर्य ग्रहण तक रह सकती है। फिलहाल पूरी दुनिया कोरोना वायरस को हराकर जीतने में लगी हुई है, जिससे पूरी दुनिया पटरी पर लौट सके। लोगों की दिक्कतें कम हो, अब ज्योतिषियों का दावा कितना सच साबित होगा, इसके लिए हम सबको इंतजार करना होगा।