25 Apr 2024, 16:18:12 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
Astrology

महाभारत में इस योद्धा की मृत्यु के बाद बेहद प्रसन्न हुए थे श्रीकृष्ण, जानकर रह जाएंगे हैरान

By Dabangdunia News Service | Publish Date: May 26 2020 9:50AM | Updated Date: May 26 2020 9:50AM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

महाभारत महाकाव्य के मुताबिक कौरवों से युद्ध में कर्ण के हाथों भीम के पुत्र घटोत्कच की मृत्यु हुई थी। जब घटोत्कच मारा गया तब भगवान श्रीकृष्ण बहुत खुश हुए। अर्जुन ने जब इसका कारण पूछा तो श्रीकृष्ण ने कहा कि अगर कर्ण के हाथों घटोत्कच की मृत्यु नहीं होती तो भविष्य में मुझे ही इसका वध करना पड़ता। अब सवाल यह उठता है कि भीम पुत्र घटोत्कच का वध श्रीकृष्ण को क्यों करना पड़ता?

कथा के मुताबिक श्रीकृष्ण के कहने पर ही भीम पुत्र घटोत्कच कर्ण से युद्ध करने गया था। चूंकि घटोत्कच और कर्ण दोनों ही पराक्रमी योद्धा थे, इसलिए वे एक-दूसरे के प्रहार को निस्तेज करने लगे। इस महायुद्ध के दौरान जब कर्ण ने देखा की घटोत्कच को किसी भी प्रकार से पराजित नहीं किया जा सकता तो उसने अपने दिव्यास्त्र प्रकट किया।

ऐसा देखकर घटोत्कच ने भी अपनी माया से राक्षसी सेना प्रकट कर दी। महारथी कर्ण ने अपने शस्त्रों से उन सभी राक्षसों का अंत कर दिया। इधर घटोत्कच कौरवों की सेना का संहार करने में लगा था। तब दुर्योधन ने कर्ण से कहा कि तुम देवराज इंद्र की दी हुई शक्ति से अभी इस राक्षस का अंत कर दो, नहीं तो यह आज ही कौरव सेना को समाप्त कर देगा। इसके बाद कर्ण ने घटोत्कच का वध कर दिया।

जब घटोत्कच की मृत्यु हुई तो पांडवों की सेना में शोक व्याप्त गया। अर्जुन ने श्रीकृष्ण से पूछा कि वे घटोत्कच की मृत्यु से इतने प्रसन्न क्यों दिख रहे हैं? तब श्रीकृष्ण ने कहा कि जब तक कर्ण के पास इंद्र के द्वारा दी गई दिव्य शक्ति थी, उसे कोई पराजित नहीं कर सकता था।

कर्ण ने वह शक्ति तुम्हारा वध करने के लिए रखी थी, लेकिन वह शक्ति अब उसके पास नहीं है। ऐसी स्थिति में तुम्हें उससे कोई खतरा नहीं है। इसके बाद श्रीकृष्ण ने ये भी कहा कि- यदि आज कर्ण घटोत्चक का वध नहीं करता तो एक दिन मुझे ही उसका वध करना पड़ता क्योंकि वह ब्राह्मणों व यज्ञों से शत्रुता रखने वाला राक्षस था। चूंकि घटोत्कच भीम का पुत्र था, इसलिए मैंने पहले उसका वध नहीं किया।

  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »