शनि की यह चाल 142 दिनों तक रहेगी। जिसके चलते 29 सितंबर से शनि वक्री से फिर मार्गी हो जाएंगे। इसका कई राशियों पर असर पड़ेगा। शनि के वक्री होने का सबसे अधिक असर उन राशि के जातकों पर पड़ेगा जिन राशि पर शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही होगी। अगर आपकी कुंडली में शनि अशुभ भाव में बैठा है तब जातक को कष्ट मिलेगा। अगर कुंडली में शनि शुभ भाव में है तो अशुभ असर नहीं देखने को मिलेगा।
शनि की चाल बदलने से मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैय्या तथा धनु, मकर एवं कुंभ राशि पर शनि की साढ़े साती चलने के परिणामस्वरूप इन राशि वाले जातकों को कुछ दिनों के लिए थोड़ी राहत मिलेगी। इन्हें अपने कर्मों में और अधिक सुधार लाना चाहिए ताकि आने वाला समय अनुकूल रहे। अन्य राशि वालों को भी सन्मार्ग पर चलते हुए सत्कर्म करने चाहिए।
ज्योतिष में ग्रहों की दो स्थितियां बताई गई हैं। एक मार्गी और दूसरी वक्री। मार्गी में ग्रह सीधा चलता है यानी आगे बढ़ता है जबकि वक्री स्थिति में ग्रह टेढ़ा या उल्टा चलता है यानी पीछे की ओर चलने लगता है। 18 जून से 25 जून तक 7 दिनों के लिए छह ग्रह वक्री रहेंगे। इसके बाद 25 जून की रात शुक्र ग्रह वृष राशि में मार्गी हो जाएगा। इसके बाद पांच ग्रह वक्री रह जाएंगे।