कृष्ण और राधा का प्रेम अपने आप में एक मिसाल है। आज भी दो प्रेमियों को निस्वार्थ प्रेम करते देख लोग कह देते हैं कि ये दोनों बिल्कुल राधा कृष्ण जैसे हैं। लेकिन क्या आपको मालूम है कि जब राधा और कृष्ण के प्रेम के बारे में राधा के घरवालों को पता चला तो उन्होंने राधा को घर से बाहर निकलने पर रोक लगा दी।
लेकिन पूर्णिमा की एक शाम राधा कृष्ण की बांसुरी की धुन सुनकर बेचैन हो उठीं। कृष्ण को भी राधा की पीड़ा का एहसास हो गया था। कृष्ण अपने भाई बलराम के साथ राधा के छत पर पहुंचे और खाट में बंधी राधा को रस्सी खोलकर मुक्त किया। पूर्णिमा की यह अंतिम रासलीला थी।
कृष्ण घर लौटकर अपनी माता यशोदा से कहते हैं कि वे राधा से विवाह करना चाहते हैं। यशोदा कृष्ण को समझाते हुए कहती हैं कि, राधा तुमसे उम्र में पांच वर्ष बड़ी है और कंस की सेना में एक सैनिक से राधा का विवाह होने वाला है। इसलिए राधा से शादी करने की जिद छोड़ दो